पांच धाराओं से मिलकर बना है रांची का पंचघाघ झरना, महाभारत काल से जुड़े हैं तार

Smart News Team, Last updated: Mon, 2nd Aug 2021, 10:46 AM IST
  • कुछ साल पहले यहां पर एक स्विमिंग पूल का भी निर्माण किया गया था, जहां पर अब सैलानी स्विमिंग का भी आनंद उठाते हैं. अन्य जलप्रपातों के मुताबिक यह सबसे सुरक्षित झरना माना जाता है.
इस स्थान की शाश्वत सुंदरता, प्राकृतिक परिवेश और शांत वातावरण के कारण, हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं. (Credit: Government of Jharkhand CM Site)

प्रकृति की गोद में बसे रांची शहर में घूमने लायक कई जगहें हैं, जो लोगों को काफी आकर्षित करती हैं. रांची से लगभग 40 किमी दूर स्थित बनई नदी की पांच धाराओं से बना पंचघाघ झरना भी उन्हीं में से एक है. यहां की सुंदरता लोगों का मन मोह लेती है. यूं तो इस झरना का पानी ज्यादा ऊंचाई से नहीं गिरता, लेकिन इसकी गर्जना पास से सुनी जा सकती हैं. झरने के पास बहुत ही खूबसूरत दृश्य हैं, जो इसे एक शानदार पिकनिक स्थल बनाते हैं.

बता दें, पांच घाघ झरना, पांच झरनों में मिलकर बना है. इस स्थान पर बनई नदी पांच झरनों में विभाजित है, जो सीमेंट से बने रास्तों के जरिए एक दूसरे से जुड़े हैं. पंच घाघ का दूसरा झरना सबसे ज्यादा लोकप्रिय है, वहीं यहां का पांचवा झरना सबसे बड़ा है. ऐसे में पांचवे झरने तक पहुचने में पर्यटकों को काफी परेशानी होती है. इस स्थान की शाश्वत सुंदरता, प्राकृतिक परिवेश और शांत वातावरण के कारण, हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं. वहीं झरने के आसपास मौजूद छोटी-छोटी पहाड़ियां इस जगह को और भी खूबसूरत बनाती हैं.

 

अन्य जलप्रतापों के मुताबिक यह सबसे सुरक्षित झरना माना जाता है. ज्यादातर लोग अपने दोस्तों और परिवार के साथ यहां पर घूमने के लिए आते हैं. (Credit: Government of Jharkhand Site)

5 धाराओं वाले यह झरने चट्टानों पर टकराती हुए जब नीचे गिरते हैं तो उस समय का दृश्य सैलानियों की थकावट को दूर कर देती है. साल, बांस, और पलाश के वृक्ष से घिरा हुआ यह झरना पर्यटकों को अपनी ओर खूब आकर्षित करती है. कुछ साल पहले यहां पर एक स्विमिंग पूल का भी निर्माण किया गया था, जहां पर अब सैलानी स्विमिंग का भी आनंद उठाते हैं. अन्य जलप्रपातों के मुताबिक यह सबसे सुरक्षित झरना माना जाता है. ज्यादातर लोग अपने दोस्तों और परिवार के साथ यहां पर घूमने के लिए आते हैं.

 

कहा जाता है कि अपने निर्वासन के अंतिम वर्ष में पांडवों ने इस जगह पर शरण ली थी. (Credit: Government of Jharkhand Site)

धार्मिक मान्यता: पंच घाघ झरने के तार महाभारत काल से जुड़े है. कहा जाता है कि अपने निर्वासन के अंतिम वर्ष में पांडवों ने इस जगह पर शरण ली थी. इन्होंने इन पांच तालाबों का उपयोग छुपने के लिए किया था. ऐसे में धार्मिक दृष्टि से भी ये झरना काफी महत्व रखता है.

कैसे पहुंचे: पंच घाघ झरने से निकटतम एयरपोर्ट बिरसा मुंडा हवाई अड्डा है, जिसकी दूरी लगभग 73.2 किलोमीटर है. एपरपोर्ट से आप कैब या फिर टैक्सी के जरिए इस झरने तक पहुंच सकते हैं. वहीं निकटतम रेलवे स्टेशन रांची जंक्शन है, जहां से झरने की दूरी करीब 60 किलोमीटर है.

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