इस बार की दिवाली में कुम्हारों के भी घर रोशन होने की उम्मीद
- वैश्विक स्तर की कोरोना वायरस फैलाने के आरोपी चीन से व्यापारिक संबंध समाप्त होने के चलते चीनी सामानों के आयात पर लगी रोक ने रांची क्षेत्र के कुम्हारों को भी दिवाली में अपने घर रोशन होने की उम्मीद जगी है.
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रांची. इन दिनों रांची क्षेत्र के कुम्हारों के परिवार सभी सदस्य मिट्टी के दिए और ग्वालिन बनाने में जुटे हुए हैं. बता दें कि पिछली दीपावली तक बाजार में डिजाइन दार चीनी दीपक लोगों के आकर्षण के केंद्र रहे हैं. इस बार की दीपावली में चीन से व्यापारिक संबंध समाप्त होने के बाद रांची के बाजार में चीनी दीपकों की आमद नहीं हो पा रही है. इस कारण बाजार में मिट्टी के दिए की मांग बढ़ गई है.
बाजार की इस स्थिति से राहे गांव के कुम्हार परिवार खुश है. गांव के नरेश प्रजापति जिनका पुश्तैनी से ही कुम्हारी का धंधा है, कहते हैं कि बाजार में मिट्टी के दीयों की मांग के चलते पूरा परिवार दिए और ग्वालिन बनाने में लगा हुआ है.
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कुछ इसी तरह राहे गांव के मुरली प्रजापति वकील प्रजापति पी कहते हैं कि कुम्हारी करना उनके परिवार का मुख्य पेशा है. पूरा परिवार गगरी ताबा ढक्कन छोटे-बड़े दिए समेत बच्चों के खिलौने हाथी घोड़ा वाह खाना बनाने के बर्तन बनाता है किंतु अब तक बाजार में चीनी उत्पादों की रेलमपेल के चलते गुजर बसर भी नहीं हो पा रही थी. इसी कारण गांव के कई कुम्हार परिवार रोजी रोटी के लिए परदेस की ओर रुख कर चुके हैं. इस बार की दीपावली शुभ संकेत दे रही है. उम्मीद है कि इस बार की दीपावली में हमारे घर भी खुशियों से रोशन होंगे.
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