धार्मिक और प्राकृतिक सुंदरता की जान, खूंटी से जिले की पहचान
- धार्मिक नगरी के रूप में पहचान रखने वाली खूंटी की प्राकृतिक सुंदरता ऐसी है, कि मानो प्रकृति ने इसे फुरसत से गढ़ा हो. यूं तो जिले में दर्जनों पर्यटन स्थल हैं किंतु प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर खूंटी की बात ही अलग है. यही कारण है की क्रिसमस डे और नए साल के पहले से ही सैलानियों की भीड़ बढ़ने लगी है.
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रांची . बता दें कि राजधानी रांची से 52 किलोमीटर दूर तथा जिला मुख्यालय प्रखंड से महज 15 किलोमीटर दूर चाईबासा मुख्य मार्ग से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर पश्चिम दिशा में स्थित खूंटी में बाबा अमरेश्वर धाम, नकटी देवी का मंदिर, सोनमेर माता मंदिर जैसे कई प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है. इतना ही नहीं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं वीरों की जन्मभूमि कहीं जाने वाली खूंटी नामक स्थान के चारों ओर प्राकृतिक सुंदरता से सजे दर्जनों पर्यटन स्थल भी है जो सैलानियों को बरबस अपनी ओर खींचने की क्षमता रखते हैं. अब जबकि क्रिसमिस डे और नए साल ने अपनी दस्तक देनी शुरू कर दी है. ऐसे में खूंटी के इर्द-गिर्द विकसित पर्यटन स्थलों पर सैलानियों की भीड़ जुटने लगी है.
पंचघाघ जलप्रपात खूंटी ही नहीं बल्कि राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल है. यहां का प्राकृतिक सौंदर्य और कल कल करती नदी का पानी ऊंचाई से जब झरने का रूप लेकर गहराई में गिरता है तो बरबस ही सैलानियों को अपनी ओर खींच लेता है. जिले के आला अफसरों से लेकर खूंटी गांव के लोग भी मानते हैं कि घने जंगलों वासर पीली सड़कों के प्राकृतिक सौंदर्य के साथ सैकड़ों फिट ऊंची पहाड़ी और तलहटी ओ के अलावा झरना और नीले पानी का डैम को प्रकाश ने अपनी सुंदरता खूंटी को दोनों हाथों से लुटाई है. पंचघाघ के अलावा खूंटी की प्राकृतिक घटाओं के बीच पेरवाघाघ पर्यटन स्थल भी राज्य के सबसे सुंदर पर्यटन स्थलों में शुमार है.
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रांची से 80 किलोमीटर दूर तथा जिला मुख्यालय खूंटी से 45 किलोमीटर दूर इस पर्यटन स्थल को लेकर एक किवदंती भी है कि कभी इसके झरने के खोह में कबूतर रहा करते थे जैसे गांव वाले अपनी भाषा में पेरवा कहते थे इस कारण इस पर्यटन स्थल का नाम पेरवाघाघ के नाम से पुकारा जाने लगा. पेरवा घाघ पर्यटन स्थल की दुर्गम व सपाट स्थानों के बीच आज भी वहीं खोह मौजूद है जो सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बिंदु है. इसके अलावा खूंटी के इर्द गिर्द दीरीगड़ा फॉल, पुंगरा फॉल, लटरजंग डैम के अलावा कारो छाता वापस ना जैसी नदियों के तटों पर बेहतरीन पर्यटन स्थल मौजूद है.
इसके अलावा खूंटी को धार्मिक स्थल के रूप में भी मान्यता मिली हुई है. यहां अमरेश्वर मंदिर सैलानियों के घूमने की सबसे अच्छी जगह है. यहां 110 फीट ऊंचा मां दुर्गे का भव्य मंदिर है. राजधानी रांची से 48 किलोमीटर एवं खूंटी से 12 किलोमीटर दूर स्थित होने के कारण भ्रमण पर आने वाले ज्यादातर सैलानी इस मंदिर पर अपना मत्था टेकने जरूर आते हैं. बेर माता मंदिर में भी विराजमान 10:00 बजे दुर्गा माता के स्वरूप का दर्शन करने बड़ी संख्या में सैलानी आते हैं इस मंदिर पर साल में एक बार बलि देने की भी प्रथा है.
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