रांची: सखी मंडल कर रहा जागरूक, कोविड/मास्क एंबेसडर बनकर त्योहार मनाने का आह्वान
- सखी मंडल की सचिव ने महिलाओं से कहा कि मास्क और शरीरिक दूरी का अनुपालन यकीनी बनाएं और दूसरों को भी प्रेरित करें क्योंकि कोरोना की दवा आने तक यही नियमों का पालन दवा का काम कर रहा है.

रांची. सखी मंडल के आजीविका संकुल संगठन की महिलाओं के साथ ग्रामीण विकास विभाग की ओर से की गई वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए विकास कार्यों पर चर्चा की गई. इस दौरान ग्रामीण विकास विभाग की सचिव आराधना पटनायक ने महिलाओं से कोविड/मास्क एंबेस्डर बनकर त्योहार मनाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि मास्क और शारीरिक दूरी का अनुपालन ही कोरोना की दवा है. महिलाएं इसे लेकर लोगों को जागरूक करें क्योंकि जब तक कोरोना की दवा नहीं आ जाती, तब तक यही कोरोना की दवा है.
झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के सीईओ राजीव कुमार ने भी संकुल संगठन की महिलाओं से गांव के आखिरी परिवार तक सखी मंडल से जुड़ी योजनाओं को पहुंचाने की अपील की. उन्होंने सखी मंडल की महिलाओं के उत्पादों के ब्रांड पलाश के लिए भी बड़े स्तर पर किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी. उन्होंने स्वच्छता व पोषण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत पर बल दिया और कहा कि दीदी बाड़ी योजना को आर्थिक फायदे से दूर रखते हुए कुपोषण के खिलाफ हथियार के रूप में अपनाना चाहिए, ताकि हर घर पौष्टिक आहार पहुंच सके. साथ ही उत्पादों की गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाना चाहिए.
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इससे सखी मंडल की सदस्यों को राष्ट्रीय स्तर पर एक पहचान दिलाने में मदद मिल सके. उन्होंने हड़िया और शराब बेचने वाली महिलाओं को इस धंधे से अलग कर उन्हें आजीविका के वैकल्पिक संसाधन से जोड़ने की अपील भी की. साथ ही, गांवों में फैली डायन कुप्रथा, बाल विवाह तथा अन्य कुप्रथा को जड़ से खत्म करने और सामाजिक सुधार में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण बताया.
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