BHU अस्पताल में दो कोरोना संक्रमित मरीजों की निगरानी में तैनात 36 स्वास्थ्यकर्मी

Smart News Team, Last updated: Wed, 3rd Feb 2021, 1:51 PM IST
वाराणसी के बीएचयू अस्पताल में दो कोरोना मरीज भर्ती है जिनकी निगरानी के लिए हॉस्पिटल में रोजाना 36 डॉक्टरों और हेल्थ वर्कर की ड्यूटी लग रही है. संक्रमितों की संख्या कम होने के बाद भी बीएचयू और जिला अस्पताल में ओपीडी 10 माह से नहीं चल रही है जिसके कारण मरीजों को परेशानी हो रही है.
बीएचयू अस्पताल में दो कोरोना मरीजों की निगरानी के लिए रोजाना 36 हेल्थ वर्करों की ड्यूटी लग रही है.

वाराणसी. जिले के वर्तमान में कोरोना संक्रमित लोगों को जिला और बीएचयू अस्पताल में भर्ती करने की व्यवस्था है जहां जिला अस्पताल में 0 और बीएचयू में 2 कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती हैं. गौरतलब है कि इन 2 मरीजों की निगरानी के लिए हॉस्पिटल में रोजाना 36 डॉक्टरों और हेल्थ वर्कर्स की ड्यूटी शिफ्ट वाइज लग रही है. इसके अलावा जिला अस्पताल में 3 शिफ्ट में 3 डॉक्टर सहित 12 हेल्थ वर्कर्स की ड्यूटी लगी हुई है. वर्तमान में लेवल-1 के अधिकतर संक्रमितों को होम आइसोलेशन का विकल्प चुनने और जिले में संक्रमण की रफ्तार कम होने के कारण अब जिले के कोरोना हॉस्पिटल लगभग खाली हो गए हैं. अभी जिले में 67 संक्रमित मरीज होमआइसोलेशन में है.

बीएचयू के प्रोफेसर सुनीत सिंह ने बताया कि अभी कोरोना संक्रमण बढ़ने की संभावना नहीं दिख रही है. इसके साथ ही वैक्सीनेशन की भी शुरूआत हो गई है. ऐसे में हर्ड इम्यूनिटी ज्यादा डेवलप होगी जिससे आगे संक्रमण और कम होने की संभावना है. संक्रमण के कम होने के बाद स्वास्थ्य विभाग और लोगों को अलर्ट रहने की जरूरत है. पहले की तरह ही सेनेटाइजेशन और मास्क का उपयोग करना होगा. अभी किसी भी तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती है. इसके अलावा सीएमओ डॉ. वीबी सिंह ने बताया कि शासन द्वारा जिला अस्पताल और बीएचयू को संचालित रखने के निर्देश दिए गए हैं. मरीज चाहे कम हो जाए लेकिन हम अपनी तैयारी जारी रखेंगे. अगर अचानक मरीज बढ़ गए तो दिक्कत होगी. ऐसे में हम अलर्ट मोड पर हैं.

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संक्रमितों की संख्या कम होने के बाद भी सर सुंदरलाल अस्पताल (बीएचयू) का सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल में लोगों को पहले जैसी सुविधा नहीं मिल पा रही है. इसके अलावा जिला अस्पताल में भी पिछले 10 महीने से ओपीडी नहीं चल रही है. सामान्य मरीज इलाज के लिए मंडलीय अस्पताल जाते हैं लेकिन वहां पर सिटी स्कैन की सुविधा नहीं होने से लोगों को परेशानी होती है. इसके साथ ही मंडलीय अस्पताल में ट्रॉमा सेंटर नहीं है. ऐसे में गंभीर मरीजों को सीधे बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर जाना पड़ता है.

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