श्री राम जन्मभूमि के बाद अब हनुमान जी के जन्म स्थल पर विवाद

Atul Gupta, Last updated: Mon, 14th Feb 2022, 8:20 PM IST
  • अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद खत्म होते ही अब राम भक्त हनुमान के जन्मस्थान को लेकर विवाद शुरू हो गया है. आध्र प्रदेश स्थित तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम और श्री हनुमद जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के बीच भगवान हनुमान के जन्म को लेकर विवाद है.
भगवान हनुमान के जन्मस्थान को लेकर विवाद (फोटो- सोशल मीडिया)

वाराणसी: सालों साल चली कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार अयोध्या राम जन्मभूमि मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया. अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने की प्रक्रिया शुरू ही हुई कि अब राम भक्त हनुमान की जन्मभूमि को लेकर विवाद शुरू हो गया है. ये विवाद दो दो हिंदू ट्रस्ट के बीच है जो पवनपुत्र हनुमान के जन्मस्थान को लेकर अलग-अलग दावे कर रहे हैं. आध्र प्रदेश स्थित तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम इस साल भी तिरुमामला पर्वत पर स्थित अंजनादरी मंदिर जाने के लिए यात्रियों की सुविधाओं का इंतजाम कर रही है ताकि राम नवमी के दिन

श्रद्धालुओं को पहुंचने में दिक्कत ना हो.वहीं दूसरी तरफ कर्नाटक के श्री हनुमद जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट इस बात को मानने से इनकार करता है कि हनुमान जी का जन्म तिरुमल्ला पर्वत पर हुआ था. इसके लिए वो वाल्मिकी रामायण का जिक्र करते हैं जिसके मुताबिक हनुमान जी का जन्म किष्किंधा के अंजनाहाली में हुआ था जिसे हंपी के पास तुंगभद्र का इलाका माना जाता है.

हनुमान जन्मभूमि को लेकर विवाद पिछले साल शुरू हुआ था जो किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा. टीटीडी कमेटी का कहना है कि पुराण और खुदाई में मिली तांबे की प्लेट से साफ है कि हनुमान जी का जन्म अंजनाद्री पर्वत पर हुआ जो अब तिरुमल्ला कहा जाता है. तीर्थ क्षेत्र ने टीटीडी को 6 पन्नों की चिट्ठी लिखकर उनके दावों को खारिज करते हुए अपने तथ्य दिए हैं. टीडीडी पौराणिक, लिट्रेचर, आर्कलॉजिकल और जियोग्राफिकल सबूत के साथ कई वैदिक और पौराणिक तथ्य दे रहे हैं जो साबित करते हैं कि हनुमान जी का जन्म अंजनाद्रि पर्वत पर हुआ जबकि तीर्थ क्षेत्र के पास अपने दावे को साबित करने के लिए कोई खास साक्ष्य नहीं है.

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