हाइपरटेंशन मरीजों की होगी एप से निगरानी, बनारस समेत 4 जिलों में प्रोजेक्ट शुरू

Smart News Team, Last updated: Sun, 4th Jul 2021, 3:30 PM IST
  • हाइपरटेंशन के मरीजों की अब एप से निगरानी होगी. इसके लिए प्रोटोकॉल बनाया गया है. प्रोटोकॉल के तहत अब से हाइपरटेंशन के मरीजों को सिर्फ तीन दवाएं दी जाएंगी. इंडियन हाइपरटेंशन कंट्रोल इनिशिएटिव के प्रोग्राम को बनारस सहित ,झांसी, प्रयागराज, और ललितपुर में शुरु किया गया है.
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च, डब्ल्यूएचओ और यूपी गवर्नमेंट ने मिलकर हाइपरटेंशन पर एक प्रोग्राम शुरू किया है. (प्रतीकात्मक फोटो)

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के हाइपरटेंशन के मरीजों की अब एप से निगरानी होगी. इसके लिए प्रोटोकॉल बनाया गया है. प्रोटोकॉल के तहत अब से हाइपरटेंशन के मरीजों को सिर्फ तीन दवाएं दी जाएंगी. इंडियन हाइपरटेंशन कंट्रोल इनिशिएटिव के प्रोग्राम को बनारस सहित ,झांसी, प्रयागराज, और ललितपुर में शुरु किया गया है. इस प्रोग्राम की शुरुआत अभी आठों ब्लॉक के स्वास्थ्य केंद्रों से की गई है, साथ ही आगे शहरी क्षेत्रों में भी इसे शुरु किया जाएगा. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च, डब्लूएचओ और राज्य सरकार ने मिलकर ये हाइपरटेंशन प्रोग्राम शुरु किया है.

गैर संचारी रोगों से होने वाली मौतों में हाई ब्लड प्रेशर भी एक बड़ा कारण है. इससे ग्रसित व्यक्ति को पता तक नही चलता है और वह दूसरी बिमारियों की चपेट में आ जाता है. एनसीडी सेल के एपिडेमोलॉजिस्ट डॉ. डीपी सिंह ने बताया कि अब हाइपटेंशन के मरीजों को सिर्फ तीन दवाएं दी जाएंगी. उन्होंने बताया कि दरअसल अभी डॉक्टर अलग-अलग कंपनी की दवा लिखते हैं जिससे साइडइफेक्ट का खतरा रहता है. अब से प्रोटोकॉल के तहत मरीजों को एमलोपीडिन, टेलिमिस्ट्रान, और क्लोरथालिडन दी जाएगी.

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उनका कहना है कि मरीज के हाइपरटेंशन लेवल के हिसाब से इस दवा का डोज दिया जाएगा. दरअसल, हाइपरटेंशन के मरीजों को अभी तक अस्पताल में पांच दिन की दवा दी जाती है. अब इन मरीजों को एक महीने की दवा मिलेगी. अब एप के जरिये दवा खत्म होने से पहले 28वें दिन मरीज के मोबाइल पर अलर्ट मैसेज चला जाएगा, ताकि उन्हें याद रहे कि दवा लेनी है. वहीं सीएमओ डॉ. वीबी सिंह के नेतृत्व में इस प्रोग्राम में एनसीडी सेल के नोडल डॉ.पीपी गुप्ता, डब्लूएचओ से ललिता सिसौदिया, आईसीएमआर से नंदन मिश्रा पर काम कर रहे हैं.

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इन चार जिलों के आठ ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले अस्पताल में 30 साल से ज्यादा उम्र का अगर कोई इलाज कराने जाता है तो अनिवार्य रुप से बीपी चेक किया जाएगा. अगर वह बीपी का मरीज होगा तो उसका अलग से रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा. इसके साथ ही एक सिंपल एप भी लांच किया गया है. इसमें मरीज का पूरा रिकॉर्ड दर्ज रहेगा. मरीज को एक बीपी पासपोर्ट कार्ड दिया जाएगा, जिसमें बारकोर्ड होगा. इससे आगे कभी भी डॉक्टर उस मरीज की डिटेल का पता कर सकेंगे

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