BHU में अब नाम से नहीं होगी सिंगल और मैरिड महिला की पहचान, मिसेज और मिस लगाने पर रोक
- काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) महिलाओं के नाम के साथ लगने वाले श्रीमती और सुश्री की बध्यता को खत्म करने वाला देश का पहला विश्वविद्यालय बन गया है.
वाराणसी. काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की महिलाएं लंबे समय से मांग कर रही थी कि जब पुरुषों के नाम से उनका वैवाहिक जीवन का उजागरण नहीं होता है तो महिलाओं के साथ ही यह बाध्यता क्यों है. इसी को देखते हुए बीएचयू ने महिलाओं की इस मांग को जायज माना है. बीएचयू ने अब महिलाओं के नाम के साथ लगने वाले श्रीमती और सुश्री शब्द की बध्यता को खत्म कर दिया है.
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय महिलाओं के नाम के साथ लगने वाले श्रीमती और सुश्री की बध्यता को खत्म करने वाला देश का पहला विश्वविद्यालय बन गया है. यहां पर अब महिला शिक्षकों के नाम के आगे उनकी वैवाहिक स्थिति को नहीं दर्शाया जाएगा. महिला शिक्षकों के नाम के आगे अब केवल डॉक्टर और प्रोफेसर यानि उनका पदनाम ही लिखा जाएगा.
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क्या है मामला
दरअसल तीन साल पहले काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के महिला महाविद्यालय में समाजशास्त्र की महिला प्रोफेसर प्रो. प्रमिला गोंड ने महिलाओं की वैवाहित स्थिति को उजागर नहीं करने के संबंध में एक पत्र विश्वविद्यालय प्रशासन और तत्कालीन कुलपति को लिखा था. इनकी सवाल को जायज मानते हुए और इसे गंभीरता से लेते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने देश में पहली बार एक अनोखी पहल की है. बीएचयू में अब किसी भी महिला शिक्षकों के नाम के आगे सुश्री और श्रीमति नहीं लिखा जाएगा. महिला शिक्षकों के नाम के आगे अब केवल डॉक्टर और प्रोफेसर यानि उनका पदनाम ही लिखा जाएगा.
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