मालदीव्स के ‘एयर बबल’ में फंसी वाराणसी की सौम्या, PM मोदी से लगाई मदद की गुहार

Smart News Team, Last updated: Thu, 27th May 2021, 7:04 PM IST
  • सॉफ्टवेयर इंजीनियर सौम्या सिंह अपने पति दीपक और तीन माह की बेटी आद्विका के साथ मालदीव्स में समुद्र किनारे बने एक क्वारंटाइन सेंटर में फंसी हुई है. अप्रैल में यह दंपती सिंगापुर लौटने के लिए बनारस से निकले थे मगर बीच में ही मालदीव्स में बनाए गए ‘एयर बबल’ में फंस गए.
सौम्या,उनके पति दीपक और उनकी बेटी आद्विका

वाराणसी। कोरोना संकट के दौर में बनारस की एक बेटी मालद्वीव में अलग ही चुनौती से जूझ रही है. बनारस के चितईपुर की रहने वाली सौम्या सिंह अपने पति दीपक और तीन माह की बेटी आद्विका के साथ मालदीव्स में समुद्र किनारे बने एक क्वारंटाइन सेंटर में फंसी हुई है. अप्रैल में यह दंपती सिंगापुर लौटने के लिए बनारस से निकले थे मगर बीच में ही मालदीव्स में बनाए गए ‘एयर बबल’ में फंस गए. अपने परिवार को बचाने के लिए सौम्या लगातार गुहार लगा रही है मगर अब तक उन्हे कोई मदद नहीं मिल सकी है.

सौम्या एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और उनके पति दीपक साल 2018 से सिंगापुर में काम कर रहे हैं. कोरोना फैलने के बाद पिछले साल वह दोनों वाराणसी लौट आए थे. कुछ दिन बाद सौम्या रेवाड़ी गुरुग्राम स्थित ससुराल चली गई जहां उन्होंने पूरा साल घर पर गुजारा. फरवरी महीने में उनकी बेटी आद्विका का जन्म हुआ. अप्रैल में उनकी कंपनी से बुलावा आ गया. कोरोना के मद्देनजर सिंगापुर से भारत से सीधी फ्लाइट नहीं चल रही थी, वहीं दूसरे देश से होते हुए सिंगापुर पहुंचना ही एक विकल्प था. इसी कारण उन्होंने मालदीव्स होते हुए सिंगापुर जाने वाली इंडिगो की फ्लाइट ले ली.

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मालदीव्स पहुंच कर नौ दिन क्वारंटाइन रहने के बाद दोनों की आरटीपीसीआर जांच होने पर कोरोना पॉजिटिव मिले. दंपती को आइसोलेट कर दिया गया. 12वें दिन एहतियातन तीन माह की बेटी का टेस्ट कराया तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई. इसके बाद तीनों का आइसोलेशन पीरियड 14 दिन और बढ़ा दिया गया. इस बीच उन्हें बंगलूरू के लिए एक फ्लाइट मिली लेकिन वह कैंसिल हो गई.

मालद्वीव में फंसी सौम्या ईमेल और ट्विटर के जरिए लगातार भारत और सिंगापुर के विदेश मत्रालयों से मदद की गुहार लगा रही है लेकिन कही से उसे कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है. उसने बताया कि मालदीव्स में भारत के उच्चायुक्त से भी उसकी बात हुई है मगर उन्होंने कुछ दिन इंतजार करने की ही सलाह दी.

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आजमगढ़ के मेंहनाजपुर के रहने वाले सौम्या के पिता डॉ. राघवेंद्र सिंह जी कि बीएचयू के पूर्व छात्र भी रह चुके हैं और चितईपुर में उनका आवास है. वह धनबाद में केंद्रीय खनन और ईंधन अनुसंधान संस्थान में वरिष्ठ वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पत्र लिखकर बेटी और उनके परिवार को सकुशल घर वापस लाने के लिए गुहार लगाई है.

क्या है एयर बबल

कोरोना के मद्देनजर लगभग सभी देशों ने दूसरे देशों से आने वाली सीधी उड़ानों पर पाबंदी लगाई है. लेकिन कुछ देश ऐसे हैं जहां से उनके यहां उड़ानें जारी हैं. उड़ान प्रतिबंधित देश से आने वालों को बीच के किसी देश में कुछ दिनों के लिए आइसोलेशन में रहना अनिवार्य हो जाता है, यही ‘एयर बबल’ के नाम से जाना जाता है. इस आइसोलेशन पीरियड से निकलने वालों को एयरलाइंस अगली उड़ान से उनकी मंजिल तक पहुंचा देती है.

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