वाराणसी में उम्मीदवारों की जीत हार तय करेंगी महिलाएं और नए वोटर्स, ये हैं समीकरण

Smart News Team, Last updated: Mon, 21st Feb 2022, 5:58 PM IST
  •  विधानसभा चुनाव में 2017 में वाराणसी में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ने दो फीसदी ज्यादा वोटिंग की थी. जिले में इन पांच वर्षों में लगभग सवा लाख महिला मतदाताओं की संख्या बढ़ी है, जिसे देखते हुए प्रत्याशियों की चिंता भी बढ़ती नजर आ रही है.
प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे बनारसी महिला वोटर्स और पहली बार के मतदाता

वाराणसी : जिले में सातवें चरण में 7 मार्च को वोटिंग की जाएगी, जिसमें आठ विधानसभा क्षेत्रों में महिलाएं और पहली बार के मतदाता, प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला कर सकते हैं. पांच साल पहले के चुनाव में महिला वोटर्स ने 62.47 फीसदी वोट डालकर पुरुषों को पछाड़ दिया था. साथ ही पहली बार मतदान करने वाले 30 हजार से ज्यादा युवा मतदाताओं की भी संख्या में इजाफा हुआ है.

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जारी है वहीं राज्य में बुधवार को चौथे चरण के लिए मतदान किए जाएंगे. आज यानि सोमवार को विधानसभा चुनाव के सातवें चरण में 54 सीटों के लिए उम्मीदवार अपना नाम वापस ले सकेंगे. इसकी अंतिम तिथि आज ही है. है, जिसके बाद पता चल सकेगा कि कितने प्रत्याशी चुनाव मैदान में है.

वाराणसी में पुरुष वोटर्स के मुकाबले में महिला मतदाताओं की संख्या भले ही कम है लेकिन उन तक प्रत्याशियों की कम पहुंच के चलते उनकी भूमिका हमेशा महत्वपूर्ण रही है, जिसे देखत हुए कयास लगाए जा रहे हैं कि महिला मतदाताओं का निर्णय भी प्रत्याशियों का भविष्य तय कर सकता है.

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बताया जा रहा है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में महिला वोटर्स की संख्या 12 लाख से थी, जो बढ़कर अब 13 लाख से अधिक हो गई है. पांच साल पहले हुए चुनाव में वाराणसी में 61.63 फीसदी वोट डाले गए थे, जिसमें महिलाओं 62.47 प्रतिशत वोट डालकर पुरुषों को पीछे छोड़ दिया था. 

इन आंकड़ों को देखते हुए प्रत्याशियों ने अपनी एड़ी से चोटी तक का दम लगाना शरू कर दिया है और महिला मतदाताओं को साधने में हर संभव कोशिश करने में जुट गए हैं.

आंकड़ो की माने तो बनारस में कुल 30 लाख 29 हजार 215 मतदाता हैं, जिनमें पुरुष मतदाता- 16 लाख 53 हजार 170 हैं, तो वहीं महिला मतदाता- 13 लाख 75 हजार 860  संख्या में मौजूद हैं.

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