बीएचयू ने पंडित मदन मोहन मालवीय के जीवन आदर्शों पर आधारित लागू किया अनुवाद कोर्स

Smart News Team, Last updated: Mon, 28th Dec 2020, 2:44 PM IST
  • काशी के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय के जीवन आदर्शों पर बीएचयू अपने विश्वविद्यालय के सभी छात्रों के लिए अनुवाद कोर्स लागू करने जा रहा है. इस कोर्स को किए बिना बीएचयू किसी भी छात्र को डिग्री ना देने का निर्णय लिया है.
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (फाइल फोटो)

वाराणसी. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय पंडित मदन मोहन मालवीय से संबंधित दो अनुवाद कोर्स शुरू करने जा रहा है. बता दें कि विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि पंडित मदन मोहन मालवीय के जीवन आदर्शों व परिकल्पनाओं के साथ ही उनके मूल्यों का एक बहुत बड़ा क्षेत्र है. जिससे छात्र पूरी तरह अनभिज्ञ है. इसी को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय महामना मदन मोहन मालवीय के जीवन मूल्यों, विचारों और उनकी परिकल्पना पर आधारित एक अनिवार्य कोर्स आदर्श जीवन जीने की कला सिखाएगा.

इसी सोच को लेकर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय मालवीय मूल्य अनुशीलन केंद्र ने पंडित मदन मोहन मालवीय की जयंती पर दो अनुवाद कोर्स शुरू करने का विचार किया है, जिसे विश्वविद्यालय का प्रत्येक विद्यार्थी अपने पाठ्यक्रम के अलावा पढ़ेगा और इसमें उत्तीर्ण हुए बिना अपनी डिग्री नहीं ले सकेगा. यह कोर्स कला विज्ञान कॉमर्स कृषि से लेकर मैनेजमेंट तक के छात्रों को पाठ्यक्रमों के अलावा पढ़ाया जाएगा और इस कोर्स की परीक्षा देकर हर हाल में उत्तीर्ण भी करना होगा. इसके पीछे विश्वविद्यालय प्रशासन का विचार है कि जो भी छात्र बीएचयू से निकल रहा है उसे महामना मदन मोहन मालवीय के जीवन मूल्यों के साथ ही मानवता के हर एक पहलू से अवगत होना चाहिए. उन्हीं के जयंती पर्व पर मालवीय मूल्य अनुशीलन के सभागार में कोर्स शुरू करने की पहल यूनिवर्सिटी कार्यकारी परिषद के सदस्य प्रोफेसर आनंद मोहन व प्रोफेसर बच्चा सिंह ने की.

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इस संबंध में विश्वविद्यालय के मालवीय मूल्य अनुशीलन केंद्र के प्रमुख प्रोफेसर आसाराम त्रिपाठी ने बताया कि इस कोर्स को लेकर जल्द ही प्रस्ताव तैयार किया जाएगा और उसे विश्वविद्यालय प्रशासन व एकेडमिक काउंसिल को भेजा जाएगा. उन्होंने बताया कि बीएचयू स्थापना से पूर्व चार्टर में मालवीय जी ने विश्वविद्यालय से एक चरित्रवान मानव तैयार करने की संकल्पना की थी, जिसे अब पूरा करने का समय आ चुका है. उन्होंने बताया कि इस कोर्स में जीवन जीने की कला के साथी मानवीय आदर्श और उनके मूल्यों की उपयोगिता के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी. जिसे पाकर छात्र अपने छात्र जीवन के बाद देश व समाज की भलाई में व्यवहारिक रूप से उपयोग करेंगे.

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