BHU: छात्राओं से छेड़छाड़ के आरोपी प्रोफेसर से यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छीना चैम्बर
- बीएचयू के जंतु विज्ञान (biology) विभाग के प्रोफेसर शैल कुमार चौबे को छात्राओं से छेड़छाड़ के आरोप में 2019 में बीएचयू कोर्ट के निर्णय पर सेवानिवृत्त करा दिया गया था.

वाराणसी: 2018-19 में बीएचयू के छात्रों के आन्दोलन से काफी चर्चा में आया था. और छात्रों का आन्दोलन रंग भी लाया. बीएचयू के जंतु विज्ञान (biology) विभाग के प्रोफेसर शैल कुमार चौबे को छात्राओं से छेड़छाड़ के आरोप में 2019 में बीएचयू कोर्ट के निर्णय पर सेवानिवृत्त करा दिया गया था. प्रोफेसर शैल कुमार चौबे का चैंबर बृहस्पतिवार को खाली करा लिया गया. छात्रा से अश्लील हरकत के दोषी पाए जाने के बाद जबरिया सेवानिवृत्त कर दिये गए शैल कुमार चौबे के जंतु विज्ञान विभाग में स्थित चैंबर, कक्ष और लैब को प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया है. वहां के सारे सामानों को बाहर निकाल दिया गया है. शोध में शामिल छात्रों के निवेदन पर फिलहाल चैंबर में ताला नहीं लगाया गया है. प्रो. शैल चौबे को छात्राओं संग अश्लील हरकत करने के आरोप में 2019 में बीएचयू कोर्ट के निर्णय पर सेवानिवृत्त करा दिया गया था.
क्या था पूरा मामला
बीएचयू की ओर से वर्ष 2018 में जंतु विज्ञान विभाग Biology का एक शैक्षणिक टूर Acedmic Toure उड़ीसा के पुरी में गया हुआ था, जहां पर टूर के दौरान 17 छात्राओं ने प्रो. शैल कुमार चौबे पर अश्लील हरकत करने का आरोप लगाया था. शैक्षणिक भ्रमण से लौटने के बाद छात्राओं ने इस बारे में कुलपति से शिकायत की थी. इसके बाद मामले में आंतरिक जांच कमेटी internal complaint committee गठित की गई थी. एक महीने से अधिक समय तक चली जांच में छात्र-छात्राओं के साथ ही कर्मचारियों व शिक्षकों से पूछताछ कर जांच की गई थी. पूरी जांच के बाद कमेटी ने प्रो. चौबे को छात्राओं संग छेड़छाड़ में दोषी मानते हुए फाइनल रिपोर्ट कुलपति को सौंपी थी. इस बाबत आरोपित प्रोफेसर पर कार्रवाई के लिए रिपोर्ट बीएचयू कार्यकारिणी परिषद की बैठक में रखी गई थी. बीएचयू कार्यकारिणी परिषद की बैठक में प्रो. चौबे को भविष्य में किसी भी प्रशासनिक पद पर आसीन न रहने देने की सजा के साथ जुलाई में दोबारा ज्वाइन करा दिया.
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दोबारा ज्वाइन पर प्रशासन ने क्या दलील दी
बीएचयू प्रशासन की तरफ से कहा गया कि कार्यकारिणी परिषद ने प्रो. चौबे को न तो भविष्य में कोई प्रशासनिक दायित्व दिया जाएगा और न ही वे विद्यार्थियों संबंधी गतिविधियों में शामिल होंगे. इसके अलावा प्रो. चौबे किसी अन्य संस्थान में आवेदन भी नहीं कर पाएंगे. यदि करना भी चाहेंगे तो भी उनका आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा, क्योंकि उन पर लगाई गई पेनाल्टी उनके सर्विस रिकार्ड में डाल दी गई है.
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छत्राओं को प्रोफेसर को केवल चेतावनी देकर छोड़ना नहीं था मंजूर
छात्राओं का आरोप था कि पूरी कक्षा के गवाही देने व जांच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने के बाद भी आरोपित प्रोफेसर एसके चौबे को महज चेतावनी देते हुए छोड़ दिया गया. वर्तमान सत्र में उन्हें दोबारा अध्यापन करने की अनुमति भी मिल गई. नाराज छात्राओं ने बीएचयू सिंह द्वार जबरदस्त आंदोलन चलाया. छेड़खानी के आरोपित प्रोफेसर को बर्खास्त करने की मांग को लेकर जहां बीएचयू सिंह द्वार पर छात्राओं का प्रदर्शन जारी था, वहीं उनके समर्थन में महिला महाविद्यालय की छात्राएं भी आगे आईं. छात्राओं के दबाव पर विवि प्रशासन ने प्रो. एसके चौबे को तत्काल प्रभाव से लंबी छुट्टी पर भेज दिया. साथ ही मामले में पुनर्विचार के लिए कार्यकारिणी परिषद के समक्ष रखने का भी निर्णय लिया गया. इसके बाद छात्राओं ने साढ़े सत्ताइस घंटे से चल रहे धरना-प्रदर्शन को खत्म किया.
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