अब हिंदू अध्ययन शास्त्र के साथ प्राचीन सैन्य विद्या भी सिखाएगा बीएचयू
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में हिंदू अध्ययन शास्त्र के साथ प्राचीन सैन्य विद्या की शिक्षा देने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए बीएचयू, जेएनयू और आईआईटी कानपुर के साथी प्रोफेसर मालिनी अवस्थी समेत देश भर के विद्वानों ने भारत में पहली बार बीएचयू में हिंदू अध्ययन की शिक्षा शुरू करने पर सहमति जताई है.

वाराणसी . बीएचयू में नए शिक्षा सत्र से शुरू किए जाने वाले हिंदू अध्ययन शास्त्र और सैन्य विज्ञान की शिक्षा में पोस्ट ग्रेजुएट का 2 वर्षीय कोर्स होगा. भारत में पहली बार बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में शुरू किए जा रहे इस कोर्स में पूर्णता हिंदू धर्म व संस्कृति पर ही आधारित पढ़ाई कराई जाएगी. कला संकाय से संबंध स्नातकोत्तर की उपाधि देने वाले इस कोर्स को बीएचयू के कला संकाय प्रमुख प्रोफेसर विजय बहादुर सिंह की अध्यक्षता में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी नई दिल्ली, आईआईटी कानपुर और प्रोफेसर मालिनी अवस्थी सहित देश वाह विदेश के नामचीन आचार्यों द्वारा तैयार किया गया है, जिसे बोर्ड ऑफ स्टडीज ने सोमवार को सर्व सम्मति से पारित भी कर दिया है.
यह पहला मौका होगा जब इस कोर्स के तहत देश में तत्व विज्ञान से लेकर सैन्य विज्ञान जैसे प्राचीन हिंदू शास्त्रों को एकेडमिक स्वरूप प्रदान किया गया है. इस कोर्स के अंतर्गत हिंदू धर्म के वशिष्ठ और परंपरा पर आधारित पाठ्यक्रम की रचना की गई है जिसमें मुख्य रुप से तत्व प्रमाण विमर्श वाद परंपरा और शास्त्रों के अर्थ निर्धारण की पद्धति पाश्चात्य ज्ञान मीमांसा रामायण महाभारत स्थापत्य लोकवार्ता नाट्य कला भाषा विज्ञान और सैन्य विज्ञान विषय को शामिल किया गया है.
इस संबंध में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कला संकाय के प्रमुख प्रोफेसर विजय बहादुर सिंह ने बताया कि शिक्षा सत्र 2021-22 में इस नए कोर्स को लेकर प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी. इसके लिए तैयारियां की जा रही है.
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