वाराणसी : रेलवे बुकिंग पार्सल काउंटर का घाटा कवर करा रही प्रवासी मजदूरों की बाइक
- कोरोना के कम होते प्रभाव से जहां जन जीवन सामान्य हो रहा है, वहीं बड़ी संख्या में मजदूरों के मोटरसाइकिल बुक कराने से रेलवे के पार्सल काउंटर की स्थिति भी पटरी पर वापस लौटने लगी है. सामान्य होती व्यवस्था के चलते प्रवासी मजदूरों का परदेस रवाना होने का क्रम रेलवे के घाटे को कवर कर रहा है.

वाराणसी. कोविड-19 का संक्रमण कम होने के साथ ही सामान्य हो रहे सामाजिक परिवेश में आम आदमी की दिनचर्या भी सामान्य होती जा रही है. जून माह से प्रवासी मजदूरों का भी रोजी रोटी के लिए परदेस के लिए रवाना होने का क्रम जारी है. इन्हीं प्रवासी मजदूरों की मोटरसाइकिल की बुकिंग से रेलवे के पार्सल बुकिंग का काउंटर का घाटा कवर हो रहा है.
बता दें कि कोविड-19 के संक्रमण के कारण देश भर में लगाए गए संपूर्ण लॉकडाउन के दौरान परदेस में फंसे प्रवासी मजदूर अपने वाहनों से सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय कर घर वापस लौटे थे. जून माह से लॉकडाउन के बाद शुरू हुई अनलॉक डाउन की प्रक्रिया के दौर में प्रवासी मजदूर लगातार रोजी रोटी के लिए वापस प्रदेश को लौट रहे हैं. दिल्ली मुंबई अहमदाबाद सूरत आदि शहरों को निकलने वाले प्रवासी मजदूर अपनी मोटरसाइकिल को रेलवे के पार्सल काउंटर पर बुक करा कर ही अपने साथ ले जा रहे हैं. बड़ी संख्या में मजदूरों के मोटरसाइकिल बुक कराने से रेलवे के पार्सल काउंटर की स्थिति भी पटरी पर वापस लौटने लगी है. वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन से लेकर भटनी जंक्शन के बीच कुल तीन रेलवे पार्सल काउंटर है.
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पहला वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर दूसरा मऊ जंक्शन पर और तीसरा देवरिया रेलवे स्टेशन पर पार्सल काउंटर स्थापित है. इस रूठ के सभी पार्सल इन्हीं काउंटरों पर बुक किए जाते हैं. अकेले मऊ जंक्शन के रेलवे पार्सल बुकिंग काउंटर की बात करें तो जून माह से लेकर अब तक इस काउंटर से प्रवासी मजदूरों की 500 मोटरसाइकिल बुक हो चुकी है. जबकि देवरिया और वाराणसी कैंट से तकरीबन 15 सौ से अधिक मोटरसाइकिल ओं की बुकिंग रेलवे कर चुकी है. प्रवासी मजदूरों के परदेस बापसी के साथ ही इन पार्सल काउंटरों से की बुकिंग का क्रम लगातार जारी है. इस संबंध में मऊ जंक्शन रेलवे पार्सल के वाणिज्य अधीक्षक शंकर प्रसाद बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान माल की बुकिंग की स्थिति 0 रही थी.जून माह में यात्री स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू होने पर कई सप्ताह तक पार्सल बुकिंग की स्थिति दयनीय रही थी. हालत यह थी कि कई कई दिनों तक कोई भी पार्सल बुकिंग के लिए नहीं आया. जुलाई माह से धीरे-धीरे दिल्ली मुंबई और सूरत के लिए बाय के बुक होने लगी. इससे मऊ रेलवे पार्सल बुकिंग काउंटर का घाटा काफी हद तक कवर हुआ है.
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