कोरोना का असर: रावण के पुतले बनाने वाले कारीगरों का धंधा चौपट, बच्चों का स्कूल छूटा

ABHINAV AZAD, Last updated: Thu, 14th Oct 2021, 12:44 PM IST
  • कोरोना वायरस के कारण दशहरे पर रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले तैयार कर अपना जीवन-यापन करने वाले सैकड़ों कारीगरों की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है. इस वजह से कारीगरों का परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. साथ ही बच्चों की पढ़ाई भी छूट गई है.
शमशाद का परिवार पिछले कई सालों से रावण और अन्य पुतले बनाने का काम करते हैं.

वाराणसी. कोरोना वायरस ने मंडुवाडीह के रहने वाले शमशाद खान जैसे सैकड़ों लोगों का धंधा चौपट कर दिया है. दरअसल, मंडुवाडीह निवासी शमशाद दशहरे पर रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले तैयार कर अपना जीवन-यापन करते हैं. लेकिन पिछले दो साल से कोरोना की वजह से काम बंद है. इस कारण शमशाद का पूरा परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. हालात इतने बिगड़ गए हैं कि बच्चों की पढ़ाई तक छूट गई है. इस बार इन परिवारों को रावण के पुतलों से अच्छी कमाई की उम्मीद थी, लेकिन रोक के बाद उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया.

शमशाद खान का परिवार पिछले कई सालों से रावण और अन्य पुतले बनाने का काम करते हैं. इस काम से एक सीजन में 2-3 लाख रूपए की कमाई हो जाती थी. लेकिन कोरोना के वजह से पिछले दो साल से इनकी कमाई का जरिया समाप्त हो गया है. इस वजह से शमशाद के परिवार के लोग अब प्राइवेट शो रूम में करते हैं. शमशाद बताते हैं कि उनके साथ करीब आधा दर्जन लोगों का भी रोजगार छीन गया. शमशाद बीएलडब्लू,लहरतारा, फुलवरिया, मानस नगर मुगलसराय, शिवपुर, लमही, रानीपुर, कबीर नगर,भक्ति नगर समेत आसपास के शहरों में पुतले बनाते थे.

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शमशाद कहते हैं कि इस काम में उनकी पत्नी रेहाना बानो, बेटे असलम खान व उनकी बेगम शबनम, शाहिद खान व उनकी बेगम निशा बानो, आर्यन, बेटी रिमझिम उर्फ आएशा, बेटा आयान खान सभी काम में मदद करते थे. साथ ही उन्होंने आगे बताया कि बेटी रिमझिम उर्फ आएशा व बेटे आयान खान की पढ़ाई पिछले 2 साल से बंद है. क्योंकि उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. शमशाद ने बताया कि कोरोना वायरस के बाद से उनके जैसे कई कारीगरों की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. साथ ही उनके सामने रोजी-रोटी का संकट है.

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