व्यापारियों को रियायत, अब ग्रॉस पर नहीं जीएसटी में नेट टैक्स पर लगेगा ब्याज

Smart News Team, Last updated: Mon, 8th Feb 2021, 7:28 PM IST
  • आर्थिक बजट 2021 में सरकार ने जीएसटी में सेक्शन 50 (1) में एक नया प्रावधान जोड़ा है. जिसके मुताबिक अगर कोई व्यापारी रिटर्न भरने में देरी करता है तो उससे अब नेट लायबिलिटी पर ब्याज लिया जाएगा.
फाइल फोटो

वाराणसी. जीएसटी के दायरे में आने वाले व्यापारियों के खुशी की खबर है. केंद्र सरकार ने अपने आर्थिक बजट 2021 में जीएसटी के सेक्शन में बदलाव कर व्यापारियों को बड़ी राहत दी है. अब विलंब से कर जमा करने वाले व्यापारियों से नेट टैक्स पर ब्याज लेने का प्रावधान किया गया है.

बता दें कि इससे पहले विलंब से कर जमा करने वाले व्यापारियों पर जीएसटी के तहत समूचे कर पर ब्याज लगाकर टैक्स वसूला जाता था. लेकिन गत 1 फरवरी को कैन सरकार की ओर से लाए गए आर्थिक बजट 2021 में सरकार ने जीएसटी में सेक्शन 50 (1) मैं एक नया प्रावधान जोड़ा है. इसमें यदि कोई व्यापारी अपना रिटर्न देरी से भरता है तो उससे अब नेट लायबिलिटी पर ब्याज लिया जाएगा. अभी तक देरी से रिटर्न भरने पर ब्याज की गणना ग्रास पर की जाती थी. लेकिन अब ब्याज उसी अवस्था में लिया जाएगा जब व्यापारी चालान के माध्यम से टैक्स जमा करता है. इस बारे में कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के पदाधिकारियों कि रविवार को ही बैठक में जानकारी देते हुए संगठन के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र सिंह गोयल ने बताया कि यह नियम एक जुलाई 2017 से लागू किया गया है. 

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इसका सबसे बड़ा फायदा व्यापारी को यह होगा कि यदि उसने रिटर्न लेट भरा है पर उस पर कर दायित्व नहीं है तो उस पर ब्याज की देनदारी नहीं होगी. संगठन के पूर्वांचल प्रभारी अखिलेश मिश्रा ने कहा कि संगठन की मांग पर यह निर्णय लॉकडाउन के दौरान ही जीएसटी काउंसिल ने ले लिया था. लेकिन सरकार के द्वारा इसे कानूनी जामा नहीं पहनाया गया था. अब बजट में इसे कानूनी रूप देने से काशी क्षेत्र के लगभग 30000 व्यापारियों को राहत मिलेगी. संगठन के जिला अध्यक्ष श्यामसुंदर गुप्ता ने केंद्र सरकार से धारा 35 (4) को भी समाप्त कर देने की मांग की है.

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