वाराणसी के पनियरा में सर्वेक्षण के दौरान मिला शुंग काल का मृण मुद्रांक

Smart News Team, Last updated: Fri, 12th Mar 2021, 2:45 PM IST
  • पनियरा गांव में शुंग कालीन मृण मुद्रांक और अन्य पुरावशेष मिले हैं. ये मृण मुद्रांक ब्राह्मी लिपि और प्राकृत भाषा में 5 अक्षरों में अंकित है. मृण मुद्रांक के जरिए पनियरा के गंगा किनारे पर एक महत्वपूर्ण व्यापारिक और धार्मिक स्थल होने के संकेत मिलते हैं.
सर्वेक्षण के दौरान मिला मृण मुद्रांक

वाराणसी: आराजी लाइन ब्लॉक के पनियरा गांव में शुंग कालीन मृण मुद्रांक और अन्य पुरावशेष मिले हैं. बीएचयू के प्राचीन इतिहास पुरातत्व और संस्कृति विभाग के प्रोफेसर ए के सिंह और डॉ रविशंकर को सर्वेक्षण के दौरान ये चीजें मिली हैं.

मुद्रा एवं लिपि विशेषज्ञ प्रोफेसर सीताराम दुबे के मुताबिक ये मृण मुद्रांक ब्राह्मी लिपि और प्राकृत भाषा में 5 अक्षरों में अंकित है. प्रो. ए के सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि ऐसे मुद्रांक का उपयोग धार्मिक अवसरों या व्यापार के सिलसिले में किया जाता था. मृण मुद्रांक के जरिए पनियरा के गंगा किनारे पर एक महत्वपूर्ण व्यापारिक और धार्मिक स्थल होने के संकेत मिलते हैं. गांव में मिले शिवलिंग बभनियांव में मिले शिवलिंग के समकालीन हैं.

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प्रो. ए के सिंह ने आगे बताया कि पनियरा का शाब्दिक अर्थ पणि है. यह वर्ग धनी व्यापारी का था. इनका उल्लेख वैदिक साहित्य में मिलता है. उन्होंने कहा कि शुंग, कुषाण और गुप्त काल में श्रेणी, पूग और निगम जैसे व्यापारिक संगठनों का भी प्रमाण मिलता है.

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गुरुवार को सर्वेक्षण के दौरान कुछ धार्मिक प्रतीकात्मक मृण पुरावशेष, कुषाण कालीन पक्की ईटें और अन्य चीजें मिलीं थीं, जो पनियरा के टीले की प्राचीनता को दो हजार साल पुरानी साबित करती हैं. इस मौके पर निवर्तमान ग्राम प्रधान जितेंद्र प्रसाद उपाध्याय समेत तमाम लोगों ने बीएचयू की टीम को बधाई दी.

 

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