वाराणसी में बोले पायलट- किसानों की आय दोगुनी करने का वादा करने वाली BJP ने उन्हीं से मुंह मोड़ा

MRITYUNJAY CHAUDHARY, Last updated: Wed, 19th Jan 2022, 11:02 PM IST
  • कांग्रेस नेता सचिन पायलट उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिए पार्टी प्रचार के लिए वाराणसी पहुंचे. जहां पर सचिन पायलट ने कहा कि यूपी चुनाव के आंकड़े चौंकाने वाले आएंगे. साथ ही यह भी कहा कि भाजपा ने किसानों की आय दोगुना करने समेत कई वादे किये थे. लेकिब जब बीजेपी सत्ता में आई तो उन्होंने उन्ही वादों से मुंह मोड़ लिया.
किसानों की आय दोगुनी करने का वादा करने वाली BJP ने उन्ही से मुंह मोड़ा: सचिन पायलट

वाराणसी. राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने बुधवार को वाराणसी पहुंचे. वहां पर सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव कि तैयारी पिछले ढाई साल से भी ज्यादा समय से कर रही है. कांग्रेस बूथ स्तर पर काम कर रही है. हम भले ही 30 साल से सत्ता में नहीं है लेकिन इंतजार कीजिए आंकड़े चौकाने वाले होंगे. इसके साथ ही सचिन पायलट ने यहां पर किसानों के पहले और अब के हालात पर कांग्रेस का दस्तावेज ‘आमदनी न हुई दोगुनी, दर्द सौ गुना’ जारी किया.

सचिन पायलट ने बताया कि इस दस्तावेज में किसानों का दर्द, समस्याएं और पिछले वर्षों के आंकड़े भी दिए गए है. पायलेट ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा ने किसानों की आय दोगुना करने समेत कई वादे किये थे. लेकिब जब बीजेपी सत्ता में आई तो उन्होंने उन्ही वादों से मुंह मोड़ लिया. पायलट ने तेल, यूरिया, डीएपी और डीजल-पेट्रोल की महंगाई के साथ लखीमपुर खीरी कांड को लेकर बीजेपी को घेरा. पायलट ने कहा कि केंद्र सरकार के मंत्री नाम चार्जशीट में नहीं है जबकि एसआईटी ने उसका नाम लिया था. उसके बाद भी केंद्रीय मंत्री को बर्खास्त नहीं किया गया.

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सचिन पायलट ने आगे कहा कि कांग्रेस यूपी कि सत्ता से 30 सल से बाहर है. लोगों ने सपा, बसपा और अब बीजेपी को भी देख लिया है. अब लोगों के पास कांग्रेस के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है. इसके साथ ही पायलट ने 2024 लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को ही एकमात्र विकल्प बताया. इसके साथ ही पायलट ने पत्रकरों से बात करते हुए मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर सवाल पर कहा कि चुनाव से पहले सीएम के चेहरे की घोषणा कांग्रेस की यह कभी परम्परा नहीं रही है. चुनाव दल लड़ता है. चुनाव के नतीजे आने के बाद विधायक अपने नेतृत्व को चुनते है.

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