वाराणसी : देश की पहली ऐसी कॉलोनी जो नमामि गंगे के मानकों पर उतनी खरी

Smart News Team, Last updated: Fri, 29th Jan 2021, 9:04 PM IST
  • वाराणसी रेल इंजन कारखाने की आवासी कॉलोनी देश की पहली ऐसी कॉलोनी बनी है जो नमामि गंगे के मानकों पर पूरी तरह खरी साबित हुई है.
वाराणसी रेल इंजन कारखाना (फाइल तस्वीर)

वाराणसी : मौजूदा समय में कारखाने से निकलने वाला तरल कचरा गंगा नदी में नहीं बहाया जा रहा है. एसटीपी के शोधन पानी का उपयोग वर्कशॉप में ही किया जा रहा है. इतना ही नहीं कारखाना परिसर के तालाब लबालब होकर भूगर्भ जल को संजीवनी दे रहे हैं. इससे परिसर में हरियाली तो है ही साथ ही पर्यावरण भी बेहतर हो रहा है. 

बनारस रेल इंजन कारखाना के प्रमुख मुख्य अभियंता राजेश अग्रवाल की निगरानी में यहां नमामि गंगे के प्रोजेक्ट को साकार रूप दिया गया है. इसके तहत कारखाना परिसर में सीवर लाइन जीर्णोद्धार व बॉटल रीसाइकलिंग प्लांट स्थापित किया गया है. कारखाना परिसर में स्थित 2100 आवासों को नई सीवर लाइन से जोड़ दिया गया है. कारखाना और आवासों से प्रतिदिन 5 एमएलडी दूषित जल एसटीपी में सोजत हो रहा है. 

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ऐसा ही वॉटर रीसाइकलिंग प्लांट सूर्य सरोवर और रविंद्र नाथ टैगोर पार्क में भी लगाया गया है जो पूरी तरह कार्य कर रहा है. नमामि गंगे प्रोजेक्ट के मानकों पर खरी उतरने वाली देश की पहली आवासीय कॉलोनी का दर्जा प्राप्त होने की उपलब्धि पर बनारस रेल इंजन कारखाना की महाप्रबंधक अंजलि गोयल ने कहा कि बरेका अपने समाज व पर्यावरण की जिम्मेदारियों को भलीभांति समझता है. इसी को लेकर कारखाना परिसर में नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत विकास कार्य कराए जा रहे हैं. यहां के दूषित जल की एक बूंद भी गंगा में नहीं जा रही है.

 

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