27 साल पहले मिलावट के मामले में दोषी को अब मिली एक साल की सजा, जानें मामला
- वाराणसी में 27 साल बाद मिलावट के मामले में दोषी को सजा सुनाई गई है. बेसन के लड्डू में खेसारी मिलाकर बेचने वाले दुकानदार को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने एक साल की सजा सुनाई है.

वाराणसी. वाराणसी में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम सर्वोत्मा नागेश वर्मा ने 27 साल पहले बेसन के लड्डू में खेसारी की मिलावट करने वाले को दोषी पाते हुए एक साल की सजा सुनाई है. जंसा के कोरोता के बखेडू पर लड्डू में मिलावट करने के आरोप थे जिसके बाद उसे एक साल की सजा और पांच हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है.
मिली जानकारी के अनुसार खाद्य निरीक्षक राज नारायण सिंह 27 जनवरी 1993 को जंसा के कोरौता के बखेडू की दुकान पर निरीक्षण के लिए गए. वहां पर उस समय बेसन का लड्डू 32 रुपए किलो बिक रहा था. उनकी जांच के लिए लड्डू का नमूना लखनऊ भेजा गया जिसमें खेसारी की मिलावट पाई गई.
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अदालत को यह फैसला लेने में 27 साल लग गए कि खेसारी की मिलावट के लड्डू मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं. इन लड्डूओं को खाने वालों को लकवा हो सकता है. वहीं यह मामला इतना पुराना हो गया है कि आरोपी साल 2010 से आता ही नहीं है जिसके कारण ट्रायल में विलंब बना हुआ है. अदालत ने दोषी बखेडू की उम्र को देखते हुए उसे एक ही साल की सजा सुनाई है.
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