आधुनिक मशीनों से अब और बेहतर होगी वाराणसी में गंगा प्रदूषण जांच
- प्रयोगशाला को मिले आधुनिक नए उपकरण एनएबीएल से जुड़ने के बाद भेलूपुर प्रयोगशाला के परिणामों को राष्ट्रीय स्तर पर मिलेगी मान्यता भेलूपुर प्रयोगशाला में फिलहाल 12 मानकों पर होगी जांच, आगे बढ़ कर इनकी संख्या होगी 35 भेलूपुर प्रयोगशाला में पहुंची आधुनिक नई मशीनें

वाराणसी। वाराणसी में गंगा जल प्रदूषण की अब और बेहतर जांच हो सकेगी. इसके लिए विभाग द्वारा नए एवं आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं. यह नए एवं आधुनिक उपकरण और भी दक्षता के साथ सटीक जानकारी उपलब्ध कराने में सक्षम होंगे.
वाराणसी में गंगा जल प्रदूषण की भविष्य में और गहराई एवं व्यापकता के साथ जांच होगी. किसी हैवी मेटल की जांच के लिए अब जल का नमूना बाहर भेजने की जरूरत नहीं होगी. इसके लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण इकाई की भेलूपुर स्थित प्रयोगशाला अपग्रेड की जा रही है. अपग्रेड होने के बाद प्रयोगशाला को राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यापन बोर्ड (एनएबीएल) से मान्यता मिलेगी. यानी अब किसी भी जांच के लिए नमूने को बाहर भेजने की जरूरत नहीं होगी. आधुनिक उपकरणों से लैस होने के बाद सारी जांच वाराणसी में ही संभव हो सकेगी. साथ ही समय की बचत होगी. इसके अलावा आधुनिक उपकरणों से हुई जांच की जानकारी और भी सटीक व बेहतर होगी.
एनएबीएल के मानकों के अनुसार प्रयोगशाला में बदलाव किये जा रहे हैं. वहां नये उपकरण भी पहुंच गये हैं. उनके दस्तावेज तैयार किये जा रहे हैं. एनएबीएल से जुड़ने के बाद इस प्रयोगशाला के परिणामों को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलेगी.
भेलूपुर प्रयोगशाला में अभी सिर्फ 12 पैमानों पर जल प्रदूषण से जुड़े परीक्षण होंगे. आगे चलकर इनकी संख्या 35 हो जाएगी. हर तरह के अधिक टेस्ट के लिए अब प्रयोगशाला में दो मशीनें होंगी. एक मशीन खराब होने पर परीक्षण बंद नहीं होंगे. क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी कालिका सिंह ने बताया कि एनएबीएल से मान्यता के लिए तय उपकरण मंगाये गये हैं.
मानक के अनुसार दस्तावेज तैयार किये जा रहे हैं. सहायक वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. टीएन सिंह ने बताया कि आधुनिक मशीनों से जल के पीएच मान, बीओडी, कोलीफॉर्म, टोटल सॉलिड्स, कैल्शियम, ऑयरन, हार्डनेस आदि टेस्ट ज्यादा सूक्ष्मता से हो सकेंगे.
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