गंगा नदी का लगातार बढ़ रहा जलस्तर, वाराणसी में मची तबाही, घरों में घुसा पानी
- वाराणसी में गंगा नदी पानी रिहायशी इलकों में घुसने से वहां पर तबाही मचा गई. जिसके चलते लोग अपने घरों में कैद हो गए है. बाढ़ में फंसे लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने और वहां से निकालने के लिए NDRF की टीम को लगाया गया है.

वाराणसी. वाराणसी में लगातार गंगा नदी का जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है. जिसके चलते गंगा के किनारे बसे इलाकों में पानी घुस गया है. साथ ही कई घरों के अंदर भी करीब घुटनों तक पानी घुस गया है. इतना ही नहीं कई इलाकों में तो आधे घर तक बाढ़ के पानी मे डूब गए है. साथ ही गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से अस्सी मार्ग पर चढ़ने लगा है. नगवा हरिजन बस्ती और नाले के समीप रहने वाले दर्जनों घर मकान जल से घिर गए है. जिन्हें वहां से बाहर निकालने और राहत सामग्री पहुंचाने में NDRF की टीम लगी हुई है.
इसके साथ ही सामने घाट तिराहे से बाढ़ का पानी घुसने से कृष्णा नगर, हरिओम नगर, पटेल नगर, मारुति नगर, महेश नगर की सड़कें पूरी तरह से डूब गई है. साथ ही वहां पर घुटने भर से ज्यादा पानी भी लग गया है. वहीं छित्तूपुर के तारानगर में भी गंगा का पानी घुसने से लोग अपने घरों में ही कैद हो गए है.
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— Jagriti_ (@Jtrisha7) August 12, 2021
वाराणसी में बाढ़ जैसे हालात से PM मोदी परेशान, DM से बात कर दिए खास निर्देश
जानकारी के अनुसार रमना गांव में एडीएम बाढ़ का निरीक्षण करने पहुंचे थे. जहां पर रमना प्रधानप्रतिनिधि अमित पटेल ने ग्रामीणों के साथ मिलकर तटबंध बनवाने के लिए ज्ञापन सौंपा. तटबंध बनवाने को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि रमना गांव में 70 से 80 फीसद लोग खेती पर निर्भर है. यहां पैदा की जाने वाली सब्जियां दूसरे प्रदेशों में भी निर्यात की जाती है. बाढ़ के आने से पूरी खेती डूब गई है. यदि तटबंध बना होता तो खेत नहीं डूबते. बता दें कि गुरुवार को सुबह 10 बजे तक गंगा नदी का राजघाट CWC पर पानी का लेवल 72.31 मीटर रहा. जो खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रहा है.
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