जैविक तरीके से होगी गंगा की सफाई, नदी में डाली जाएगी 3 लाख मछलियां

Uttam Kumar, Last updated: Thu, 16th Sep 2021, 1:15 PM IST
  • प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में गंगा को अब जैविक तरीके से स्वच्छ और निर्मल किया जाएगा. योगी आदित्यनाथ की नेतृत्व वाली सरकार ने गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए प्लान तैयार कर लिया है. जैविक तरीके से गंगा को स्वच्छ और निर्मल करने की जिम्मेदारी मत्स्य विभाग को सौंपी गई है. मत्स्य विभाग जैविक तरीके से गंगा को साफ करने के लिए मछली का इस्तेमाल करेगा.
वाराणसी में डाली जाएगी तीन लाख मछलियां (फाइल फोटो)

वाराणसी. प्रधानमंत्री मोदी  के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में गंगा को अब जैविक तरीके से स्वच्छ और निर्मल किया जाएगा. योगी आदित्यनाथ की नेतृत्व वाली सरकार ने गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए प्लान तैयार कर लिया है. जैविक तरीके से गंगा को स्वच्छ और निर्मल करने की जिम्मेदारी मत्स्य विभाग को सौंपी गई है. मत्स्य विभाग जैविक तरीके से गंगा को साफ करने के  लिए मछली का इस्तेमाल करेगा. इस प्लान के तहत  गंगा में 3 लाख मछलियां छोड़ी जाएगी. इनमे से डेढ़ लाख मछलियां अकेले वाराणसी में बाकी डेढ़ लाख मछलियां वाराणसी मंडल के दो और जिलों में  छोड़ी जाएगी. 

जिला मत्स्य अधिकारी एन एस रहमानी  के अनुसार गंगा में मछली छोड़ने के पीछे का उदेश्य गंगा नदी में  प्रति किलोमीटर मछलियों की संख्या में इजाफा करना है और साथ ही गंगा की सफाई भी  नेचुरल तरीके से हो जाएगी . गंगा में मछलियों की संख्या में इजाफा होने से गंगा नदी का ऑर्गेनिक लोड कम होगा. जिससे गंगा के इको सिस्टम भी संतुलित हो जाएगा.  साथ ही इससे  गंगा का जल पहले  से भी साफ और स्वच्छ होगा. गंगा नदी में इसी महीने के अंतिम सप्ताह में वृहद आयोजन में एक ही दिन 3 लाख मछलियों को छोड़ा जाएगा. 

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मत्स्य अधिकारी के अनुसार सरकार द्वारा गंगा नदी को साफ करने लिए मछली डालने जैसे उठाए गए प्रयास से मछली पालन को भी बढ़ावा मिलेगा. हर साल मछलियों के अंडे जो विकसित नहीं हो रहे उन अंडों को हम लोग आर्टिफिशियल तरीके से नर्सरी में रखकर उनका पालन करेंगे और फिर उन मछलियों को गंगा में छोड़ दिया जाएगा.

मत्स्य अधिकारी के अनुसार सरकार द्वारा गंगा नदी को साफ करने लिए मछली डालने जैसे उठाए गए प्रयास से मछली पालन को भी बढ़ावा मिलेगा. हर साल मछलियों के अंडे जो विकसित नहीं हो रहे उन अंडों को हम लोग आर्टिफिशियल तरीके से नर्सरी में रखकर उनका पालन करेंगे और फिर उन मछलियों को गंगा में छोड़ दिया जाएगा.

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