IIT BHU में हिंदी में होगी बीटेक की पढ़ाई, बना ऐसा करने वाला पहला संस्थान

Shubham Bajpai, Last updated: Thu, 2nd Sep 2021, 8:49 AM IST
  • बनारस हिंदू विश्वविद्यालय आईआईटी में इस सत्र से हिंदी में बीटेक की पढ़ाई शुरू होने जा रही है. इस तरह की व्यवस्था लागू करने वाला देश का पहला संस्थान आईआईटी बीएचयू होगा. इससे हिंदी भाषी स्टूडेंट्स को सीधा फायदा मिलेगा.
IIT BHU में हिंदी में होगी बीटेक की पढ़ाई

वाराणसी. अब हिंदी भाषी इलाके के स्टूडेंट्स के लिए आईआईटी करना पहले से काफी आसान होगा, क्योंकि उन्हें उनकी भाषा हिंदी में बीटेक करने की सुविधा मिलेगी. उन्हें यह सुविधा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय स्थित आईआईटी में मिल रही है. आईआईटी बीएचयू इस सत्र से हिंदी में बीटेक की शुरुआत करने जा रहा है. इससे बीटेक करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ने के साथ मातृभाषा के प्रति लोगों का जुड़ाव बढ़ेगा. यह फैसला बीएचयू में आयोजित हिंदी पखवाड़े में आईआईटी के निदेशक व राजभाषा समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने लिया. बता दें कि पिछले साल शिक्षा मंत्रालय ने आईआईटी बीएचयू को इस संबंध में तैयारी करने को कहा था, लेकिन कोरोना की वजह से वो नहीं हो सकी थी.

जल्द ही करिकुलम में जोड़ा जाएगा बीटेक इन हिंदी

निदेशक प्रमोद जैन ने बताया कि जल्द ही करिकुलम में बीटेक इन हिंदी का ऑप्शन जुड़कर आ जाएगा. जिसके माध्यम से स्टूडेंट्स हिंदी में बीटेक करने पर अप्लाई कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि पिछले साल ही शिक्षा मंत्रालय ने आईआईटी में हिंदी माध्यम से बीटेक की पढ़ाई करवाने को लेकर विचार करते हुए बीएचयू आईआईटी को इस संबंध में तैयारी करने को भी कहा था, लेकिन कोरोना की वजह से योजना रूक गई थी. अब इस पर फिर से काम शुरू हो गया है, जल्द ही कोर्स की शुरुआत की जाएगी.

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अभी सिर्फ पहले सत्र के स्टूडेंट्स के लिए यह सुविधा

प्रो. प्रमोद जैन ने बताया कि अभी हिंदी में बीटेक की शुरुआत पहले सत्र के स्टूडेंट्स के लिए की जा रही है. जल्द ही इसे सभी सत्रों के अनुसार तैयार करके लागू किया जाएगा. स्टार्टअप को बढ़ावा देने के काम में भी हिंदी काफी सहयोगी साबित होगी. अभी हम हिंदी पर आधारित सिलेबस तैयार कर रहे हैं. 

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इस दौरान इस बात का ध्यान दिया जा रहा है कि अंग्रेजी के उन्हीं शब्दों का इस्तेमाल किया जाए, जो आ्म बोलचाल में बोले जाते हो और उनका इस्तेमाल होता हो. हम यह भी प्रयास कर रहे हैं कि विभागीय और एकेडमिक काम को हिंदी में किया जाए.

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