काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से गायब हुआ प्राचीन शिव मंदिर, जानें पूरा मामला
- वाराणसी के विश्वनाथ कॉरिडोर परिसर के बाहर ललित घाट पर बने प्राचीन शिव मंदिर को कब्जे के फेर में साधारण से कमरे में बदल दिया गया. पूरा मामला सामने आते ही पुलिस ने एक आरोपी को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है.

वाराणसी: बनारस में एक ओर जहां काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण के तहत प्राचीन मंदिरों का संरक्षण किया जा रहा है, दूसरी ओर शनिवार को विश्वनाथ कॉरिडोर एरिया के ठीक बाहर अवैध कब्जे के फेर में एक प्राचीन शिवमंदिर का अस्तित्व खत्म कर दिया गया है. मंदिर को एक साधारण कमरे में बदल दिया गया. बता दें कि यह मंदिर पशुपतिनाथ मंदिर एवं धर्मशाला का हिस्सा है.
जानकारी के मुताबिक बनारस के ललिता घाट पर ललिता गौरी मंदिर के पास बने इस शिवालय में दो शिवलिंग प्रतिष्ठित थे. इतिहासकारों का मानना है कि इन शिवलिंगों की स्थापना सन् 1843 में तत्कालीन नेपाल नरेश ने की थी. लेकिन अब कब्जे के फेर में दोनों शिवलिंगों को गायब कर दिया गया है. साथ ही शिवलिंग के सामने प्रतिष्ठित नंदी की मूर्ति को भी उनकी जगह से उखाड़ कर बोरे में भर कर रख दिया गया. अब इस ऐतिहासिक मंदिर किसी सामान्य कमरे में बदल गया है.
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इस घटना की जानकारी होते ही नेपाली धर्मशाला संचालन समिति के वरिष्ठ सदस्य डॉ. गोपाल प्रसाद अधिकारी ने पुलिस को सूचना दी. जिसके बाद सीओ चौक के नेतृत्व में पुलिस टीम शनिवार की दोपहर मौके पर पहुंची. पुलिस ने पुराने चित्रों से मौके का मिलान कराया. जांच के दौरान पुलिस ने बोरे में छिपा कर रखा गया नंदी बरामद किया. वहीं दोनों शिवलिंगों के बारे पूछताछ करने पर आरोपी जवाब नही दे सके. मौके से पुलिस ने एक को हिरासत में ले लिया है.
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