गरीबी से लाचार मां ने नवजात को फेंका, ममता जागी तो ले आई जिगर के टुकड़े को वापस
- वाराणसी में एक मां गरीबी से लाचार होकर अपनी नवजात बच्ची को घाट पर फेंक दी. पुलिस ने नवजात बच्ची को बरामद कर लिया था. मां की ममता जागी तो उससे रहा नहीं गया. मां ने अपने कलेजे का टुकड़े को वापस ले आई.

वाराणसी. गरीबी के हालात इंसान से कुछ भी करवा सकती हैं. वाराणसी में एक मां को गरीबी ने दिल पर पत्थर रखने के लिए मजबूर कर दिया. गरीबी और बीमारी से तंग आकर एक मां ने अपनी नवजात बच्ची को घाट पर छोड़कर चल दी. मां तो मां होती हैं. जब मां के अंदर ममता जागी तो उससे रहा नहीं गया. मां भागती-भागती थाने गई, फिर अस्पताल पहुंची.
वहां मां ने बताया कि यह नवजात बच्ची उसी के कलेजे का टुकड़ा है. मां ने नवजात के लिए गुहार लगाई. दो दिन बाद बच्ची की स्वास्थ्य ठीक होने और बाल संरक्षण गृह की जरूरी औपचारिकता पूरी करने के बाद मां को बच्ची सौंप दी गई.
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मूल रूप से बिहार का निवासी एक परिवार वाराणसी के मणिकर्णिका घाट के किनारे रहता है. परिवार में पति-पत्नी, दो बच्चे और सास हैं. गरीबी और बीमारी से तंग परिवार घर में तीसरा बच्चा नहीं चाहता था, इस बीच पत्नी गर्भवती हो गई. उसने यह बात परिवार के अन्य सदस्यों नहीं बताई. जानकारी के मुताबिक, करीब एक हफ्ते पहले रात में महिला को प्रसव हुआ.
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महिला ने नवजात बच्ची को रात में घाट पर ऐसी जगह रख दिया, जहां सबकी नजर जा सकें. सुबह लोगों ने नवजात को देखने के बाद पुलिस को सूचना दिया. पुलिस घाट पर पहुँचकर नवजात को बरामद कर लिया. इसके बाद पुलिस ने नवजात को बाल संरक्षण गृह को सौंप दिया.
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