नॉयज कैलकुलेटर से कंट्रोल होगा वाराणसी का ध्वनि प्रदूषण, IIT BHU का सर्वे शुरू

Shubham Bajpai, Last updated: Fri, 3rd Dec 2021, 12:25 PM IST
  • वाराणसी में ध्वनि प्रदूषण को कंट्रोल करने का जिम्मा अब आईआईटी बीएचयू टीम को दिया गया है. मिनिस्ट्री ऑफ अर्बन डेवलपमेंट ने इस रिसर्च प्रोजेक्ट की शुरुआत की है. टीम सर्वे करके नॉयज कैलकुलेटर तैयार कर रही है. जिसके जरिए ध्वनि प्रदूषण की स्थिति का पता चल सके और इसको कंट्रोल किया जा सके.
नॉयज कैलकुलेटर से कंट्रोल होगा वाराणसी का ध्वनि प्रदूषण, IIT BHU का सर्वे शुरू

वाराणसी. शहर में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सरकार व प्रशासन लगातार काम कर रहा है ताकि शहर में प्रदूषण का स्तर कम किया जा सके. इस बीच शहर में ध्वनि प्रदूषण एक बड़ी समस्या बनकर सामने आ रही है. इसको लेकर अब मिनिस्ट्री ऑफ अर्बन डेवलपमेंट रिसर्च प्रोजेक्ट की शुरुआत कर रही है. जिसके जरिए ध्वनि प्रदूषण को कंट्रोल की जा सके. इसकी जिम्मा बीएचयू आईआईटी को दी गई है. इसके लिए प्रोफेसर डॉक्टर बृंद कुमार के नेतृत्व में टीम गठित की गई है.

शहर में टीम ने शुरू किया सर्वे

बीएचयू आईआईटी टीम के प्रोफेसर डॉ. बृंद कुमार के नेतृत्व में टीम ने शहर में ध्वनि प्रदूषण को लेकर सर्वे शुरू कर दिया है. सर्वे टीम आंकड़ों को लेकर नॉयज कैलकुलेटर को डेवलप करेगा. जिसमें शहर के इलाकों के ध्वनि प्रदूषण से जुड़े आंकड़े शामिल किए जाएंगे.

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शहर के इन इलाकों में चल रहा सर्वे

टीम के सदस्य आशीष चौकसे ने बताया कि टीम इंप्रिंट वाराणसी के प्रदूषित क्षेत्रों के नॉयज पॉल्यूशन पर डेटा इकट्ठा किया जाएगा. इस डेटा की रिपोर्ट के आधार पर सरकार प्रदूषण कम करने का प्रयास किया जाएगा. टीम शहर में लहरतारा, महेशपुर, चांदपुर, मोहनसराय व जी टी रोड समेत विभिन्न इलाकों में सर्वे चल रहा है.

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कैलकुलेटर बताया प्रदूषण की स्थिति व रिडिंग

आशीष ने आगे बताया कि सर्वे के बाद इस डेटा के जरिए कैलकुलेटर डेवलप किया जाएगा. जिसके जरिए प्रदूषण का लेवल कितना है और मौजूदा रिडिंग क्या होगी इसकी जानकारी दी जाएगी. शहर में ध्वनि प्रदूषण की वजह से लोगों में बीमारियां बढ़ रही हैं और लोग कई बीमारियों का शिकार हो रहे हैं.

इस तरह कम हो सकता ध्वनि प्रदूषण

जानकारी अनुसार, ज्यादा घने पेड़, ऊंची दीवारों, ट्रैफिक नॉयज डेटा, रोड की चौड़ाई, लंबाई, गाडियों की एवरेज स्पीड आदि को सही तरीके से व्यवस्थित करके ध्वनि प्रदूषण को कम किया जा सकता है.

 

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