वाराणसी में 227.21 करोड़ के पेयजल घोटाले में होगा रडार सर्वे
- पेयजल घोटाले का पता लगाने के लिए जल निगम अब ग्राउंड पेनीट्रेटिंग रडार सर्वे का सहारा लेगा. इसके लिए शासन से करीब 6.25 करोड़ रुपए की मांग की गई है.

वाराणसी: पेयजल घोटाले में फंसे करीब सवा सौ ठेकेदारों पर शिकंजा कसता हुआ दिखाई दे रहा है. घोटाले का पता लगाने के लिए जल निगम अब ग्राउंड पेनीट्रेटिंग रडार सर्वे का सहारा लेगा. इसके लिए शासन से करीब 6.25 करोड़ रुपए की मांग की गई है.
दरअसल JNNURM के तहत पेयजल पाइप लाइनों को बिछाने में लापरवाही के मामले में करीब सवा सौ ठेकेदारों पर आरोप है कि इन्होंने शहर में कई जगहों पर बिना जोड़े पाइप बिछा दिए. अनुमान है कि पाइप बिछाने में शहर में करीब 170 किमी की गैपिंग है. इसी गैप का पता लगाने के लिए रडार सर्वे कराया जाएगा. जल निगम ने सर्वे के लिए पैसों की डिमांड करते हुए शासन को एक रिपोर्ट भी भेजी है. इस रिपोर्ट को पाइप लाइनों में गड़बड़ियों की शुरुआती जांच के आधार पर बनाया गया है.
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आपको बता दें कि वाराणसी में कुल 466 किमी पाइपलाइन बिछाई गई थी, लेकिन गैप के कारण इस वक्त सिर्फ 296 किमी पाइप से ही शहर में जलापूर्ति की जा रही है. साल 2010-11 में चालू हुए इस प्रोजेक्ट में छोटे-छोटे टुकड़ों में काम हुआ था. शासन की ओर से हुई जांच में 227.21 करोड़ रुपये का पेयजल घोटाला सामने आया है.
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वहीं पेयजल घोटाले में शामिल अफसरों और ठेकेदारों से वसूली के निर्देश दिए गए हैं. अब तक 19 अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ वसूली का आदेश दिया गया है. इनके अलावा कुछ रिटायर्ड आरोपियों की पेंशन से भी वसूली होनी है.
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