वाराणसी: गंगा के जलस्तर में हुई वृद्धि से गंगा आरती का स्थान बदला
- काशी में गंगा के जलस्तर में बीते 36 घंटों में दो फुट से अधिक की हुई वृद्धि 52 सेमी जलस्तर शुक्रवार की सुबह आठ से रात आठ बजे के बीच बढ़ा

वाराणसी। गंगा के बढ़ रहे जलस्तर के चलते काशी में होने वाली गंगा आरती का स्थान बदल दिया गया है. गंगा आरती के स्थान पर पानी भर जाने से इसके स्थान में परिवर्तन किया गया है. तेजी से बढ़ रहे गंगा के जलस्तर से आसपास के क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति भी बनी हुई है.
काशी में गंगा के जलस्तर में बीते 36 घंटों में दो फुट से अधिक वृद्धि हुई है. इसमें 52 सेमी जलस्तर शुक्रवार की सुबह आठ से रात आठ बजे के बीच बढ़ा है. इसके कारण गंगोत्री सेवा समिति के गंगा आरती स्थल पर पानी पहुंच गया. चार सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए 15 अगस्त की सुबह तक अहिल्याबाई घाट को जाने वाले रास्ते पर पानी पहुंच जाने की संभावना है. नौकाओं के परिचालन पर फिलहाल रोक नहीं लगाई गई है.
शिवाला-हनुमान घाट, मानमंदिर-ललिताघाट, बूंदीपरकोटा से आगे उत्तर की ओर जाने वाले घाटों पर पानी आ चुका है. करीब चालीस फीसदी घाटों का संपर्क टूट गया. गंगोत्री सेवा समिति को गंगा आरती का स्थान बदलना पड़ा है.
वहीं गंगा सेवा निधि को भी आरती स्थल बदलना पड़ा है. पानी बढ़ते ही घाट पर पंडे अपनी-अपनी चौकियां सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटे रहे. गंगा में बढ़ाव से वरुणा तटवासियों को बाढ़ की चिंता सताने लगी है.
केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा का जलस्तर शुक्रवार की सुबह 62.92 मीटर था जो रात आठ बजे 63.44 मीटर पहुंच गया। इन बारह घंटों में 52 सेमी की वृद्धि हुई. एक दिन पहले गुरुवार की सुबह जलस्तर 62.77 मीटर और रात आठ बजे 62.80 मीटर दर्ज किया गया था.
जलस्तर में वृद्धि का कारण उत्तराखंड के पहाड़ों पर हो रही मूसलाधार बारिश और सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ना है. यदि इसी तरह झमाझम बारिश होती रही तो गंगा नदी के जलस्तर में और तेजी से वृद्धि होगा. इससे आसपास क्षेत्रों के डूबने की संभावना भी बनी हुई है.
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