अल्पसंख्यक छात्रों की फंस सकती है स्कॉलरशिप, KYC होगा तभी मिलेगी छात्रवृत्ति

Smart News Team, Last updated: Sun, 15th Aug 2021, 1:48 PM IST
  • मुस्लिम, जैन, बौद्ध, पारसी, सिख, और इसाई जैसे अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति भारत सरकार प्रदान करती है. इसके तहत प्री-मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक व मैरिट-कम-मीन्स तीन तरह की छात्रवृत्ति शामिल हैं. यह योजना एनएसपी के जरिए संचालित होती है. अब अल्पसंख्यक छात्रों की छात्रवृत्ति भुगतान के लिए एनएसपी पर संस्थानों का केवाइसी अनिवार्य हो गया है.
केवाइसी के बिना हजारों छात्रों की स्कॉलरशिप फंसेगी. (प्रतीकात्मक चित्र) 

वाराणसी. अल्पसंख्यक वर्ग के हजारों छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति और स्कॉलरशिप फंस सकती है. क्योंकि राजधानी लखनऊ के 700 से अधिक शिक्षण संस्थानों ने अभी तक राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (एनएसपी) पर केवाइसी नहीं किया है. इसमें प्राइमरी, माध्यमिक से लेकर उच्च शिक्षण संस्थान तक शामिल हैं. अब अल्पसंख्यक छात्रों की छात्रवृत्ति भुगतान के लिए एनएसपी पर संस्थानों का केवाइसी अनिवार्य हो गया है.

मुस्लिम, जैन, बौद्ध, पारसी, सिख, और इसाई जैसे अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति भारत सरकार प्रदान करती है. इसके तहत प्री-मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक व मैरिट- कम -मीन्स तीन तरह की छात्रवृत्ति शामिल हैं. यह योजना एनएसपी के जरिए संचालित होती है. अल्पसंख्यक छात्रों की छात्रवृत्ति भुगतान के लिए एनएसपी पर संस्थानों का केवाइसी करना अनिवार्य कर दिया गया है. जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सोन कुमार ने बताया कि करीब 3600 संस्थानों ने केवाईसी पूरी कर ली है. 700 से अधिक संस्थाएं बची हैं. छात्रवृत्ति आवेदन शुरू हो चुका है. 

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वहीं अल्पसंख्यक विभाग ने बीएसए, डीआईओएस व उच्च शिक्षा अधिकारी को केवाईसी नहीं करने वाले संस्थानों सूची भेजी है. इन संस्थानों को अवगत कराने व इनकी स्थिति के बारे में जानकारी भी मांगी है. क्योंकि बिना केवाईसी इन संस्थानों के छात्र छात्रवृत्ति का आवेदन नहीं कर पाएंगे. ऐसे में हजारों छात्र छात्रवृत्ति से वंचित हो सकते हैं. 

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