VIDEO: काशी में रंगभरी एकादशी पर साधुओं ने श्मशान में चिता की राख से खेली होली

Smart News Team, Last updated: Wed, 24th Mar 2021, 4:07 PM IST
  • भगवान शिव की नगरी काशी में रंगभरी एकादशी 2021 पर बुधवार को हरिश्चन्द्र घाट के श्मशान पर साधु संतों और शिव के भक्तों ने चिता की भस्म की राख से होली खेली. आपको बता दें कि इसी दिन भगवान शिव माता गौरा को गौना कराकर पहली बार ससुराल लाते हैं और गणों के साथ होली खेलते हैं.
वाराणसी के हरिश्चन्द्र घाट के श्मसा पर साधु-संतों ने रंगभरी एकादशी पर राख से होली खेली.

वाराणसी. उत्तर प्रदेश के वाराणसी में रंगभरी एकादशी धूमधूाम से मनाई जाती है. भोले की नगरी भोले के रंग में रंग जाती है. रंगभरी एकादशी पर बुधवार को वाराणसी के हरिश्चन्द्र घाट के श्मशान पर साधु संतों और शिव के भक्तों ने चिता की भस्म की राख से होली खेली. रंगभरी एकादशी का एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. 

इस वीडियो में वाराणसी में कुछ साधु संत और भोले के भक्त श्मशान की चिता की भस्म की राख से होली खेलते हुए नजर आ रहे है. सभी भगवान शिव के भक्त शरीर पर राख लगाए हुए हैं और मस्ती में झूम रहे हैं. आपको बता दें कि 24 मार्च को रंगभरी एकादशी है. भगवान शिव की नगरी काशी के लिए ये बहुत खास होती है. इसी दिन भगवान शिव माता गौरा को गौना कराकर ससुराल लाते हैं.

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रंगभरी एकादशी पर ही पहली बार माता गौरी विवाह के बाद ससुराल आती हैं. आपको बता दें कि फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रंगभरी एकादशी कहा जाता है. इसी दिन भगवान शिव और माता गौरी अपने गणों के साथ होली खेलते हैं. इस बार रंगभरी एकादशी 24 मार्च को पड़ी है. 

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मिली जानकारी के अनुसार रंगभरी एकादशी 2021 का शुभ मुहूर्त 24 फरवरी को सुबह 10 बजकर 23 मिनट से शुरू हो रहा है. रंगभरी एकादशी मनाने का मुहूर्त 25 मार्च गुरुवार को सुबह 9 बजकर 47 मिनट तक है. ऐसे में हर जगह रंगभरी एकादशी बुधवार को ही मनाई जा रही है. भगवान शिव के भक्त होली खेल रहे हैं. कहीं रंगों की होली खेली जा रही है तो कहीं पर राख से होली खेल रहे हैं.

 

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