वाराणसी : निजी कंपनी को सौंपा गया खेल प्रतिभाओं को निखारने का जिम्मा
- उत्तर प्रदेश खेल निदेशालय ने शासन को प्रशिक्षकों के ट्रायल की रिपोर्ट सौंप दी है.अब तक कुल 341 प्रशिक्षकों की चयन प्रक्रिया चल रही है. निदेशालय की ओर से चयन किए जा रहे प्रशिक्षक का कार्यकाल अधिकतम 3 साल के लिए निर्धारित किया गया है.

वाराणसी. उत्तर प्रदेश सरकार ने जिलों में खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए निजी कंपनियों की भूमिका तय करने का मन बना लिया है. उत्तर प्रदेश खेल निदेशालय की ओर से प्रशिक्षकों के ट्रायल की रिपोर्ट शासन को सौंप दी गई है. स्वीकृति मिलते ही अरसे से सन्नाटे में डूबे खेल मैदान में एक बार फिर से चहल पहल शुरू होने की कई कयास लगाए जा रहे हैं.
जनपद स्तर पर खेल प्रतिभाओं को संबल प्रदान करने के लिए उत्तर प्रदेश खेल निदेशालय की ओर से प्रशिक्षकों की तैनाती की जा रही है. निदेशालय की ओर से अब तक कुल 341 प्रशिक्षकों के चयन की प्रक्रिया पूरी की जा रही है. निदेशालय की ओर से चयन किए जा रहे प्रशिक्षक का कार्यकाल अधिकतम 3 साल के लिए निर्धारित किया गया है. खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए खेल निदेशालय ने मुंबई की टीएंडएम सर्विस कंसलटिंग प्राइवेट लिमिटेड एवं उत्तर प्रदेश की मैं सर्च मैसर्स अवनी परिधि एनर्जी एंड कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड को नियुक्त किया है. कोचों में इनकी नियुक्ति की हिस्सेदारी 75 एवं 25 फ़ीसदी तक की निर्धारित की गई है.
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अंतरराष्ट्रीय एन आई एस राज्य स्तर विभिन्न खेलों में प्रतिभा दिखा चुके खिलाड़ियों को प्रशिक्षक के रूप में तैनात किए जाने के लिए अलग-अलग अंक निर्धारित किए गए हैं साथ ही इनका मासिक वेतन न्यूनतम 20 से 30 हजार के मध्य निर्धारित किया गया है. इस संबंध में क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी आरपी सिंह ने बताया कि खेल प्रतिभाओं की नई पौध तैयार करने के लिए खेल निदेशालय ने निजी कंपनियों को जिम्मेदारी सौंप दी है. प्रशिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया का दौर चल रहा है. जल्द ही उत्तर प्रदेश के जिले के सभी खेल मैदान पर खेल प्रतिभाएं अभ्यास करती नजर आएंगी.
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