बरेका में 9000 अश्व शक्ति के रेल इंजन निर्माण के लिए टेक्नोलॉजी ट्रांसफर
- यह भी बताया कि भारतीय रेल की एक और महत्वपूर्ण परियोजना है. इसके अंतर्गत मालवाहक ट्रेनों में गार्ड एवं ब्रेकवान को हटाने का विकल्प तलाशा जाना है

वाराणसी: रेलवे बोर्ड ने बरेका को 9000 अश्वशक्ति मालवाहक रेलइंजन प्लेटफॉर्म के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण का कार्य लेने के लिए तैयार रहने हेतु निर्देशित किया है. प्रोद्योगिकी हस्तांतरण के क्षेत्र में शेल, बोगी, ट्रेक्शन मोटर, लोकोमोटिव असेंबली, परीक्षण एवं कमिशनिंग शामिल है. यह परियोजना 4 वर्षों की होगी, 200 रेल इंजनों का उत्पादन किया जाएगा. इससे बरेका कर्मशाला की गुणवत्ता में प्रगति होगी. यह जानकारी महाप्रबंधक अंजली गोयल ने दी
यह भी बताया कि भारतीय रेल की एक और महत्वपूर्ण परियोजना है. इसके अंतर्गत मालवाहक ट्रेनों में गार्ड एवं ब्रेकवान को हटाने का विकल्प तलाशा जाना है. बहुत ही कम लागत का रेडियो टेलीमेट्री उपकरण उपयोग किया जाना है, जिससे रेल इंजन ड्राईवर एवं अंतिम वैगन के बीच संचार स्थापित हो जाएगा और यह सुनिश्चित होगा कि ट्रेन सम्पूर्ण इकाई कोच/वैगन के साथ चल रही है. बरेका इस परियोजना के सुचारु कार्यान्वयन एवं समुचित समन्वय के लिए गठित कार्य दल (टास्क फोर्स) का संयोजक है.
वाराणसी: काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के दोनों प्रवेश द्वार का हो रहा विस्तार
डबल्यूएजी 9 एचपी रेलइंजन में वाटर क्लोजेट:
चालक दल की सुविधा के लिए बरेका ने वित्त वर्ष 2021-22 में सभी डबल्यूएजी9एच विद्युत मालवाहक रेल इंजन में वाटर क्लोजेट लगाने की योजना बनाया है.
गिनायीं उपलब्धियां
बताया कि बनारस रेलइंजन कारख़ाना इंटरनेशनल रेलवे इंडस्ट्री स्टैंडर्ड से प्रमाणित है. और इस ख्याती को प्राप्त करने वाला भारतीय रेल का प्रथम रेलइंजन उत्पादन बरेका को इसके अलावा विभिन्न प्रतिष्ठित गुणवत्ता प्रमाणपत्र भी प्राप्त हुए हैं- आईएसओ 9001:2015, आईएसओ 14001:2015, ओहसास 18001:2007, आईएसओ 50001: 2011, 5-एस, एन ए बी एल आईएसओ 17025:2017 एवं ग्रीनको प्रमाण पत्र मिले हैं.
वाराणसी: शराब के नशे में दो युवकों ने कोर्ट में किया हंगामा, गिरफ्तार
दिसंबर 2020 के अंत तक बरेका ने 200 विद्युत रेलइंजन बनाया. यह उत्पादन रिकार्ड कोविड-19 के सभी प्रोटोकाल को पूरा करते हुए इस बात के बावजूद हासिल किया गया कि अप्रैल 2020 में उत्पादन शून्य था और मई में मात्र 08 रेल इंजनों का उत्पादन किया गया था. इस उपलब्धि का महत्व इसलिए और ज्यादा है क्योंकि विगत वर्ष 2019 तक 195 रेलइंजन बनाए गए थे.
लखनऊ में इन 6 सेंटरों पर कोरोना वैक्सीनेशन का ड्राई रन अभियान हुआ शुरू
इस प्रकार भारतीय रेल नेटवर्क के विद्युतीकरण के विस्तार के साथ विद्युत रेलइंजनों की आपूर्ति बढ़ रही है. रेलवे बोर्ड ने नवंबर-2020 में निर्मित 39वें रेलइंजन ‘दीपशक्ति’ के लोकार्पण के अवसर पर 1 दिसंबर 2020 को की. फ्लैग ऑफ राजेश तिवारी, सदस्य (ट्रेक्शन एवं रोलिंग स्टॉक) की गरिमामयी उपस्थिति में विडियो लिंक के माध्यम से किया गया. ‘दीपशक्ति’ के साथ 40 वें विद्युत रेलइंजन ‘आकाशदीप’ का भी लोकार्पण किया गया.
अन्य खबरें
15 जनवरी तक नए कोर्स का ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं काशी विद्यापीठ से संबद्ध कॉलेज
स्थानीय लोगों को भी लेना होगा फास्टैग, नहीं बनेगा टोल पास
वाराणसी मंत्री जी की बिना हेलमेट के स्कूटी चलाने का वीडियो वायरल होने पर बवाल
वाराणसी: काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के दोनों प्रवेश द्वार का हो रहा विस्तार