ये होंगी इलेक्ट्रिसिटी एमेंडमेंट बिल-2021 बिल की मुख्य विशेषताएं, डिटेल्स
- केन्द्र सरकार ने इलेक्ट्रिसिटी एमेंडमेंट बिल प्रावधानों को क्रियान्वित कराने के लिए एनटीपीसी, पॉवर ग्रिड और आरईसी को मिलाकर एक डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क तैयार किया है. संसद से बिल पास होने के बाद इसी नेटवर्क की देखरेख में प्रस्तावित वितरण खंडों में बिजली वितरण व्यवस्था लागू होगी.

वाराणसी. इलेक्ट्रिसिटी एमेंडमेंट बिल-2021 उर्जा क्षेत्र के निजीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण और हिस्टोरिक डॉक्यूमेंट्स साबित होने जा रहा है. दरअसल, संसद के शीतकालीन सत्र में इस बिल पर चर्चा होगी. बता दें कि इस बिल के प्रावधान बनारस, प्रयागराज, गोरखपुर, लखनऊ और कानपुर जैसे शहरों में मुंबई और दिल्ली जैसी बिजली वितरण व्यवस्था की राह आसान करने वाले हैं. इस बीच विभाग के स्थानीय इंजीनियरों, कर्मचारियों के बीच भी इन प्रावधानों के हानि-लाभ की चर्चाएं भी हैं.
मिली जानकारी के मुताबिक, केन्द्र सरकार ने इलेक्ट्रिसिटी एमेंडमेंट बिल प्रावधानों को क्रियान्वित कराने के लिए एनटीपीसी, पॉवर ग्रिड और आरईसी को मिलाकर एक डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क तैयार किया है. बताते चलें कि संसद से बिल पास होने के बाद इसी नेटवर्क की देखरेख में प्रस्तावित वितरण खंडों में बिजली वितरण व्यवस्था लागू होगी. साथ ही इसके अलावा नई व्यवस्था में किसी निजी एजेंसी या कंपनी के लिए लाइसेंस की बाध्यता भी नहीं रह जाएगी. जबकि वर्क एलाटमेंट के लिए टेंडर नहीं होंगे. कंपनी को सिर्फ रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
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जानकार बताते हैं कि इलेक्ट्रिसिटी एमेंडमेंट बिल-2021 'मुनाफे' का निजीकरण और घाटे का राष्ट्रीयकरण है. इस बिल के माध्यम से केन्द्र सरकार राज्यों में असंवैधानिक हस्तक्षेप की तैयारी कर रही है क्योंकि संविधान की समवर्ती सूची में बिजली वितरण राज्यों का विषय है. दरअसल, जानकार सवाल उठा रहे हैं कि मुनाफे वाले वितरण क्षेत्र को निजी कंपनियों को सौंपने का क्या मतलब है ?
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