वाराणसी के कबीर चौरा की गलियों में घूमीं प्रियंका गांधी, जानें कबीर मठ का इतिहास

Smart News Team, Last updated: Thu, 3rd Mar 2022, 1:25 PM IST
  • वाराणसी के कबीर चौरा मठ पहुंचकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मठ का इतिहास जाना और काशी का सांस्कृतिक केंद्र कहे जाने वाले कबीरचौरा की गलियों में भ्रमण किया. गंगा में नौका विहार का आनंद लिया और दीप भी प्रवाहित किया.
कबीर चौरा मठ में प्रियंका गांधी, फोटो क्रेडिट (यूपी कांग्रेस ट्विटर)

वाराणसी. कांग्रेस महासचिव और यूपी चुनाव प्रभारी प्रियंका गांधी वाराणसी में हैं. यहां प्रियंका कबीर चौरा मठ पहुंची हैं. जहां वो अगले 3 दिन तक कबीर चौरा मठ में ही रहेंगी और वहीं से ही चुनाव प्रचार के लिए निकलेंगी. गुरुवार को अपने दिन की शुरुआत उन्होंने कबीर के भजनों से की. प्रियंका ने महंत विवेकदास से मठ का इतिहास जाना और काशी का सांस्कृतिक केंद्र कहे जाने वाले कबीरचौरा की गलियों में भ्रमण भी किया. इसके अलावा प्रियंका ने इससे पहले गंगा में नौकाविहार का आनंद लिया और दीप भी प्रवाहित किया.

सुबह मठ में चल रही कबीर वाणी को वह देर तक सुनती रहीं और अंदर मंदिर में दर्शन कर संत कबीर के कक्ष और मंदिर के दर्शन भी किए. महंत विवेकदास ने उन्हें बताया कि यहां महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू भी कई बार आए. गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर भी यहीं रुका करते थे. वह पेड़ भी दिखाया जहां से 1934 में गांधी जी ने जनता को संबोधित किया था. ऐसा माना जाता है कि कबीर चौरा मठ में संत कबीर दास ने अपना पूरा जीवन बिताया था. कबीर चौरा मठ कबीरदास की शिक्षाओं, संदेशों एवं स्मृतियों का केंद्र है.

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कबीरपंथियों और कबीरदास जी को मानने वाले लोगों के लिए ये मठ एक मुख्य आकर्षण का केंद्र है. बता दे कि 1934 में महात्मा गांधी भी कबीर चौरा मठ में आए थे. जानकार प्रियंका गांधी के कबीर चौरा मठ में रोकने के पीछे एक बड़ी रणनिती बता रहे हैं. संत कबीर दास जी से यूपी का दलित एवं अति पिछड़ा वर्ग बहुत जुड़ाव रखता है. इसी वर्ग को अपनी तरफ लाने के लिए प्रियंका गांधी का कबीर चौरा मठ दौरा देखा जा रहा है. आज यूपी में छठे चरण के लिए मतदान डाले जा रहे हैं. सीएम योगी ने भी गोरखपुर से वोट डाला है.

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