वाराणसी में लकड़बग्घे की हड्डियों की स्मगलिंग करते पांच तस्कर गिरफ्तार, 20 लाख है कीमत

Nawab Ali, Last updated: Sat, 4th Sep 2021, 9:22 PM IST
  • उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एसटीएफ और वन विभाग की टीम ने रोडवेज बस अड्डे पर एक होटल के समीप छापेमारी कर पांच तस्करों को लकड़बग्घे की 143 हड्डियों के साथ गिरफ्तार किया है.  अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इन हड्डियों की कीमत 20 लाख रूपये बताई जा रही है.
वाराणसी में लकड़बग्घे की हड्डियों के साथ पांच तस्कर गिरफ्तार.

वाराणसी. उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एसटीएफ और वन विभाग की टीम ने शुक्रवार शाम को छापेमारी कर लकड़बग्घे की हड्डियों के साथ पांच तस्करों को गिरफ्तार किया है. एसटीएफ और वन विभाग टीम को तस्करों के पास से लकड़बग्घे की 143 हड्डियां बरामद हुई हैं.  इन हड्डियों की कीमत 20 लाख रूपये बताई जा रही है. पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. वहीं वन विभाग भी तस्करों के खिलाफ कार्रवाई में जुट गया है. लकड़बग्घे को संरक्षित पशुओं में माना जाता है. आरोपी इन हड्डियों को तेंदुआ की हड्डी बताकर वाराणसी में बेचने वाले थे.

वाराणसी में एसटीएफ और वन विभाग की टीम को वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरों नई दिल्ली से सूचना मिली थी की कुछ लोग जानवरों की हड्डियों की तस्करी कर वाराणसी बेचने आ रहे हैं. जिस पर एसटीएफ और वन विभाग की टीम ने कार्रवाई करते हुए रोजवेज बस अड्डे पर एक होटल के समीप छापेमारी कर पांच तस्करों को गिरफ्तार किया है. 

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जिनके पास से लकड़बग्घे की छोटी-बड़ी 143 हड्डियां बरामद हुई है. गिरफ्तार आरोपियों में सारनाथ के पुराना आरटीओ आफिस के निकट अनमोल नगर कॉलोनी निवासी आनन्द कुमार सिंह, हुकुलगंज निवासी अरविन्द मौर्या उर्फ दिलीप मौर्या, मिर्जापुर के चील्ह थाने के ठिकसारी निवासी सुदामा, बल्लीपरवा निवासी सिपाही और मिर्जापुर के शहर कोतवाली निवासी महमूद हैं.

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सीओ वाराणसी विनोद सिंह का कहना है कि इनका पशु तस्करी का पूरा गिरोह चलता है. इन तस्करों का गैंग अंतर्राष्ट्रीय तस्करों को बेवकूफ बनाकर उनके साथ धोखाधड़ी करते हैं. ये आरोपी लकड़बग्घे की हड्डियों को तेंदुआ की हड्डियां बताकर बेचने जा रहे थे. तेंदुआ की हड्डियों का इस्तेमाल शक्ति वर्धक दवाइयों के लिए इस्तेमाल होता है. जिस वजह वजह से तेंदुआ की हड्डियों को बड़े स्तर पर तस्करी की जाती है. सीओ वाराणसी का कहना है की इन लोगों को मिर्जापुर के जंगलों से लकड़बग्घे का कंकाल मिला था.

 

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