वाराणसी:ज्ञानवापी मस्जिद मामले में अदालत ने लेट प्रार्थना पत्र पर लगाया जुर्माना
- मामले में सुनवाई के लिए सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड तथा अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने मुकदमे सिविल जज के क्षेत्राधिकार को चुनौती दी थी.
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वाराणसी: उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता की ओर से काशी के विश्वनाथ मंदिर व ज्ञानवापी मस्जिद मामले में विलंब प्रार्थना पत्र दाखिल कर दिया गया है. जिला जज उमेशचंद्र शर्मा की अदालत ने एक सप्ताह में तीन हजार रुपये जुर्माना जमा करने के आदेश के साथ विलंब माफी प्रार्थना पत्र स्वीकार कर लिया है. निगरानी याचिका पर अब सुनवाई 13 अक्टूबर को की जाएगी.
मामले में सुनवाई के लिए सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड तथा अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने मुकदमे सिविल जज के क्षेत्राधिकार को चुनौती दी थी. सिविल जज ने 25 फरवरी 2020 को चुनौती को खारिज कर दिया. इस फैसले के खिलाफ अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की ओर से एक जुलाई को व सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से 18 सितंबर को जिला जज की अदालत में निगरानी याचिका दायर की गई थी.
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मंगलवार को सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता ने सिविल जज के निर्णय के खिलाफ निगरानी याचिका दायर करने में हुए विलंब के लिए क्षमा मांगते हुए जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र पेश किया. सुनवाई के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वक्फबोर्ड का प्रार्थना पत्र जुर्माने के साथ मंजूर कर लिया है. इसके बाद अब 13 अक्टूबर को काशी विश्वनाथ मंदिर व ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को लेकर सुनवाई करने के क्षेत्राधिकार को लेकर याचिका पर सुनवाई होगी.
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