जमीन अदला-बदली पर विश्वनाथ मंदिर के वादमित्र की आपत्ति, कहा- जाएंगे कोर्ट

Smart News Team, Last updated: Sat, 24th Jul 2021, 8:02 PM IST
  • काशी विश्वनाथ मंदिर धाम कॉरिडोर में जमीन अदला-बदली को लेकर विवाद खड़ा हो गया है.
  • मंदिर धाम के वादमित्र ने कहा है कि जो जमीन मस्जिद की है ही नहीं तो वो कैसे अदला-बदली हो सकती है. हम मामले में कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.
कशी विश्वनाथ मंदिर धाम कॉरिडोर के लिए जमीन अदला-बदली पर विवाद खड़ा हो गया है.

वाराणसी. काशी विश्वनाथ धाम और ज्ञानव्यापी मस्जिद का विवाद एक बार फिर से चर्चाओं में है. जमीन की अदला- बदली को लेकर विश्वनाथ मंदिर धाम के वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने आपत्ति जताई है. उन्होंने जमीन अदला-बदली को गैरकानूनी करार दिया है. वादमित्र ने कहा है कि जो जमीन ज्ञानव्यापी मस्जिद की है नहीं तो अदला-बदली कैसे हो सकती है. उन्होंने इस इस पूरे मामले पर हिन्दू समाज के लोगों के साथ धोखा बताया है.

अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी और सेंट्रल सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड ने 1700 स्क्वायर फुट जमीन काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को देने का फैसला किया है. इसके बदले 1000 स्क्वायर फीट जमीन बांसफाटक के पास इंतजामिया मसाजिद कमेटी को दी जाएगी. इस पूरे मामले पर विश्वनाथ मंदिर धाम के वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि जो 1700 स्क्वायर फ़ीट जमीन कॉरिडोर के लिए दी गई है वो जमीन ज्ञानव्यापी मस्जिद परिसर की नहीं विश्वनाथ मंदिर धाम की है. ऐसे में जो जमीन मस्जिद की है ही नहीं तो जमीन की अदला-बदली हो ही नहीं सकती. वादमित्र ने इस मामले पर प्रशासन पर हिन्दू समाज और उत्तर प्रदेश सरकार को गुमराह करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि मुस्लिम समाज का ज्ञानव्यापी मस्जिद परिसर पर कोई कब्जा नहीं है, उन्हें बस मस्जिद के अंदर नमाज पढ़ने की इजाजत है. प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ हम कोर्ट ने जाएंगे.

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वहीं मंडल आयुक्त दीपक अग्रवाल का कहना है कि विश्वनाथ मंदिर धाम के कंट्रोल रूम के लिए 1700 स्क्वायर फ़ीट जमीन की आवश्यकता थी. जिसके बाद मस्जिद कमेटी, सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड व देवबंद समेत मुस्लिम धर्म गुरुओं से जमीन देने की मांग की गई थी जिसके बाद सबकी सहमति से जमीन की अदला-बदली की गई है.

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