केवल परीक्षा पास कराना शिक्षण संस्थाओं का उद्देश्य नहीं होना चाहिए- डॉ कृष्ण गोपाल

Somya Sri, Last updated: Sat, 11th Dec 2021, 2:19 PM IST
  • वाराणसी के महमूरगंज स्थित निवेदिता शिक्षा सदन के नए भवन के उद्घाटन के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ कृष्ण गोपाल ने कहा कि केवल परीक्षाएं पास कराना शिक्षण संस्थाओं का उद्देश्य नहीं होना चाहिए. जबकि शिक्षण संस्थाओं को विद्यार्थियों में लोक कल्याण की भावना से कार्य और समाज हित में विचार का संस्कार देना चाहिए.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ कृष्ण गोपाल (फाइल फोटो)

वाराणसी: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ कृष्ण गोपाल ने कहा कि केवल परीक्षाएं पास कराना शिक्षण संस्थाओं का उद्देश्य नहीं होना चाहिए. आज यानी शनिवार को वाराणसी के महमूरगंज स्थित निवेदिता शिक्षा सदन के नए भवन के उद्घाटन के मौके पर उन्होंने ये बातें कहीं. डॉ कृष्ण गोपाल ने कहा कि शिक्षण संस्थाओं को विद्यार्थियों में लोक कल्याण की भावना से कार्य और समाज हित में विचार का संस्कार देना चाहिए. वहीं निवेदिता शिक्षा सदन के नए भवन के उद्घाटन के मौके पर उन्होंने कहा की विद्यालय की जो छात्राएं मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहती है. उनके लिए परिसर में ही कोचिंग की सुविधा कराई जाए.

जानकारी के मुताबिक उद्घाटन समारोह में डॉ गोपाल ने विद्यालय को 2 लाख रुपए देने की घोषणा की है. ये राशि उन्होंने भाउराव देवरस न्यास के माध्यम से देने की घोषणा की है. साथ ही उन्होंने 2 महीने के अंदर कोचिंग की सुविधा कराने की भी बात कही. इस दौरान विद्यालय परिसर में राम दरबार लीला मंचन का आयोजन किया गया था.

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भारत बदल रहा, भारत का स्वाभिमान जाग रहा है

हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल कानपुर में 36 संगठनों के प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक में शामिल हुए थे. इस दौरान उन्होंने कहा था कि, " भारत बदल रहा है और भारत का स्वाभिमान जाग रहा है, उसका परचम पूरे विश्व में दिख रहा है. उन्होंने कहा था कि राष्ट्रहित के जिन कार्यों को असंभव माना जाता था, वो सभी संभव होते दिखाई दे रहे हैं. "

वहीं डॉ. कृष्ण गोपाल ने हाल ही में अमृत महोत्सव को लेकर कहा था कि, " हमारे लिए केवल आजादी के 75 वर्ष मनाने का अवसर नहीं है बल्कि यह स्मरण करने का है कि आजादी का 75वां वर्ष हम सबको कैसे प्राप्त हुआ. देश में स्वतंत्रता ऐसे अनगिनत गुमनाम शहीदों के कारण प्राप्त हुई है, जिनका हम स्मरण ही नहीं कर पाए हैं."

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