वाराणसी: जाते जाते भी दूसरे की जिंदगी में रंग भर गई कलावती, कहानी भावुक कर देगी

Komal Sultaniya, Last updated: Mon, 31st Jan 2022, 8:35 PM IST
  • देश में इस समय लाखों लोग नेत्रदान के जरिए आंखों की रोशनी पाने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन कई प्रकार की भ्रांतियों के चलते आज भी लोग उतनी संख्या में नेत्रदान के लिए आगे नहीं आ रहे हैं लेकिन इस बीच यूपी राज्य के वाराणसी जिले की महेशपुर निवासी श्यामा प्रसाद सिंह की 55 वर्षीय पत्नी कलावती देवी नामक महिला ने मिशाल दिया है. अचानक हार्ट अटैक से मृत्यु होने पर परिजनों ने उनकी अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए उनकी आंखें दान कर दूसरे की जिंदगी रोशन कर गई.
वाराणसी: जाते जाते भी दूसरे की जिंदगी में रंग भर गई कलावती, कहानी भावुक कर देगी

देश में इस समय लाखों लोग नेत्रदान के जरिए आंखों की रोशनी पाने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन कई प्रकार की भ्रांतियों के चलते आज भी लोग उतनी संख्या में नेत्रदान के लिए आगे नहीं आ रहे हैं लेकिन इस बीच यूपी राज्य के वाराणसी जिले की महेशपुर निवासी श्यामा प्रसाद सिंह की 55 वर्षीय पत्नी कलावती देवी नामक महिला ने मिशाल दिया है. अचानक हार्ट अटैक से मृत्यु होने पर परिजनों ने उनकी अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए उनकी आंखें दान कर दूसरे की जिंदगी रोशन कर गई. 

महेशपुर निवासी कलावती देवी धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थीं. उनके पुत्र इंडियन पटेल क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष सर्वेश सिंह पटेल के बताया कि उनकी माता मरणोपरांत अपनी आंखें दान करना चाहती थीं. रविवार को मां के अचानक हार्ट अटैक से मृत्यु होने के बाद सर्वेश ने आला अधिकारियों से मां के मरणोपरांत नेत्रदान करने के बारे में बात की. बता दें कि, सर्वेश के अनुसार कुछ दिनों पहले एक नेत्र चिकित्सा शिविर में ही उनकी मां कलावती देवी की इच्छा से नेत्रदान का फार्म भी भरवाया गया था. 

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जिसके बाद रविवार को अचानक हार्ट अटैक से कलावती देवी का निधन हो गया. सर्वेश ने बताया कि आई बैंक के चिकित्सकों को बुलाकर मां कलावती देवी का नेत्रदान कराया. कलावती देवी के परिजनों ने उनके नेत्रदान को सभी के लिए प्रेरणा बताया.

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