वाराणसी मुक्ति भवन: 15 दिन को किराये पर मिलता है कमरा, मौत नहीं हुई तो घर वापसी

Smart News Team, Last updated: Mon, 28th Feb 2022, 6:27 PM IST
  •  बनारस के गोदौलिया चौराहे पर स्थित काशी लाभ मुक्ति भवन के धर्मशाला के 12 कमरों में ठहरने के लिए लोगों की कतार लगी रहती है. कहा जाता है कि इन्हीं 15 किराए के कमरों में रहकर ये लोग अपनी मौत का इंतजार करते हैं.
 मुक्ति भवन में 15 दिन के लिए किराये पर मिलता है कमरा

वाराणसी: काशी नगरी को पूरी दुनिया में मोक्ष के लिए जाना जाता है. कहा जाता है कि इस स्थान पर जो भी मरता है उसे मुक्ति मिल जाती है और वो सीधे स्वर्ग जाता है. इस मान्यता को मानने वाले लोग वाराणसी के मुक्ति भवन में इसी आस में आते हैं. लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस भवन में लोगों को कवल 15 दिन के लिए कमरा किराए पर दिया जाता है.

बनारस के गोदौलिया चौराहे पर स्थित काशी लाभ मुक्ति भवन के धर्मशाला के 12 कमरों में ठहरने के लिए लोगों की कतार लगी रहती है. कहा जाता है कि इन्हीं 15 किराए के कमरों में रहकर ये लोग अपनी मौत का इंतजार करते हैं.

60 प्लस व्यक्ति को ही मिलता है कमरा

सबसे खास बात यह है कि इस भवन में 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को 15 दिन के लिए कमरा दिया जाता है. यहा आए लोग अपने अंतिम समय में घर से गौ दान करके ही आते हैं. बुजुर्ग के साथ परिवार का एक सदस्य ही उनके अंतिम समय तक रुक सकता है. बताया जाता है कि यदि इन 15 दिनों में उस शख्स की मृत्यू नहीं होती है, तो व्यक्ति को उसके घर भेज दिया जाता है.

20 रुपए के चार्ज पर मिलता है गैस चूल्हा, बर्तन

यहां के लोग बताते हैं कि काशी लाभ मुक्ति भवन का निर्माण 1958 में डालमिया परिवार की रानी जडिय़ा देवी के द्वारा करवाया गया था. लोगों का कहना है कि यहां आए व्यक्ति का जीवन मरण के चक्र से मुक्ति अब भी यह डालमिया परिवार की देख-रेख में ही होता है. 

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इस मुक्ति भवन में 10 कमरे हैं, जिसमें मोक्षार्थी को परिवार सहित रहने की सुविधा दी जाती है. ट्रस्ट द्वारा गैस चूल्हा, बर्तन आदि दिया जाता है,जिसके लिए हर रोज 20 रुपए का भुगतान करना पड़ता है. यहां आने से पहले एडवांस बुकिंग करनी पड़ती है.

पूरे दिन चलता है रामायण पाठ

लाभ मुक्ति भवन में दिन भर रामायण और गीता का पाठ चलता रहता है. इसके बाद प्रतिदिन शाम को सत्यनारायण भगवान की आरती के साथ गंगाजल और तुलसी का सेवन कराया जाता है. भवन में शिव-पार्वती, गणेश, राम दरबार, कृष्ण दरबार है.

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