वाराणसी नगर निगम में 10 साल से भर रहा है पानी, इमारत की दीवार हुई कमजोर
- वाराणसी नगर निगम के भवन के बेसमेंट में पिछले 10 साल से पानी भर रहा है. जिसकी वजह से भवन की दीवार भी कमजोर हो गई हैं. नगर आयुक्त ने कहा कि 10-15 दिन पहले ही जलकल विभाग को बेसमेंट में हुए लीकेज तलाशने के निर्देश दिए हैं. वहीं इसके विपरित जलकल के जीएम राघवेंद्र कुमार ने बताया कि हमें नगर आयुक्त की ओर से किसी भी प्रकार के निर्देश नहीं मिले हैं.

वाराणसी. नगर निगम का काम शहर को साफ रखना होता है. शहर को खूबसूरत बनाने का जिम्मा भी नगर निगम के पास होता है. अगर नगर निगम खुद ही गंदगी के ऊपर बैठा हो तो फिर क्या ही कहा जाए. ऐसा ही कुछ मामला वाराणसी से सामने आ रहा है. जहां पर नगर निगम की खूबसूरत सी दिखने वाली भव्य इमारत के नीचे गंदगी का जमावड़ा लगा हुआ है. इस बात की जानकारी शायद नगर निगम के अधिकारियों तक को नही है. इसी वजह से पिछले 10 साल से नगर निगम की इमारत के नीचे वर्षों से पानी लबालब भरा हुआ है इसकी वजह से इमारत की दीवार भी कमजोर हो रही हैं.
वाराणसी शहर के सिगरा स्थित नगर निगम के इस भवन में महापौर, नगर आयुक्त, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, दो अपर नगर आयुक्त, एक सहायक नगर आयुक्त, लेखा अनुभाग के कई अधिकारियों का दफ्तर है. इसके बावजुद भी इस समस्या का समाधान शायद किसी के पास नहीं है. जिससे ये प्रश्न उठना वाजिब है कि अगर नगर निगम ही अपना आगन साफ नही रख सकता तो वो लोगों को कैसे अपने आस-पास साफ सफाई रखने के लिए बोल सकता है. इस बिल्डिंग में पार्षदों के लिए मीटिंग हॉल, नगर निगम कर्मचारी संघ का कार्यालय, भवन में दर्जनों की संख्या में काम करने वाले कर्मचारी तो हैं ही, वहां प्रतिदिन आम लोगों की आवाजाही भी रहती है.
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गौर करने वाली बात ये है कि इतने साल से बिल्डिंग के बेसमेंट में पानी कहां से रिस कर भर रहा है, इस बारे में अधिकारियों ने ना तो कोई पड़ताल करने की जरूरत समझी और ना ही उसके समाधान का प्रयास किया गया. नगर आयुक्त प्रणय सिंह ने मामला को देखते हुए कहा कि 10-15 दिन पहले ही मैने जलकल विभाग को बेसमेंट में हुए लीकेज तलाशने के निर्देश दिए हैं. वर्तमान में लागू आदर्श आचार संहिता की अवधि समाप्त होने के बाद कार्ययोजना बनाकर सदन से पास कराते हुए यह कार्य कराया जाएगा.
नगर आयुक्त प्रणय सिंह ने कहा कि 10-15 दिन पहले ही मैंने जलकल विभाग को बेसमेंट में हुए लीकेज तलाशने के निर्देश दिए हैं. वर्तमान में लागू आदर्श आचार संहिता की अवधि समाप्त होने के बाद कार्ययोजना बनाकर सदन से पास कराते हुए यह कार्य कराया जाएगा. वहीं इसके विपरित जलकल के जीएम राघवेंद्र कुमार ने बताया कि हमें नगर आयुक्त की ओर से किसी भी प्रकार के निर्देश नहीं मिले हैं. नगर निगम कार्यालय भवन के बेसमेंट में वर्षों से हुए जलभराव की वजह भूमिगत सीवर के पाइप बताए जा रहे हैं.
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