वाराणसी: छूट रहा था एग्जाम, छात्रा के ट्वीट करने पर रेलवे ने दौड़ा दी ट्रेन
- ट्रेन के देरी होने से उसे अपनी परीक्षा छूट जाने का डर सता रहा था. जिससे परेशान हो कर छात्रा ने रेलवे को इस बाबत ट्वीट कर दिया. ट्वीट मिलते ही रेलवे हरकत में आई और ट्रेन की स्पीड बढ़ा कर छात्रा को समय पर वाराणसी पहुंचा दिया.

वाराणसी: भारतीय रेल की देरी होने की कहानियां तो मशहूर है.आप ने ऐसी अनगिनत कहानियां सुनी सुनाई होगी कि रेल के देर से पहुचनें पर कभी किसी की मीटिंग छूट गई कभी तो कभी किसी के यहां शादी समारोह से एक दिन बाद पहुंच पाए तो किसी की परीक्षा छूट गई. लेकिन इस बार एक अलग ही कहानी सामने आई है. जो आज के सोशल मिडिया के जमाने में सोशल मीडिया के ताकत की को भी दिखाता है. एक छात्रा जो घर से वाराणसी परीक्षा देने निकली थी.
लेकिन ट्रेन के देरी होने से उसे अपनी परीक्षा छूट जाने का डर सता रहा था. जिससे परेशान हो कर छात्रा के भाई ने रेलवे को इस बाबत ट्वीट कर दिया. ट्वीट मिलते ही रेलवे हरकत में आई और ट्रेन की स्पीड बढ़ा कर छात्रा को समय पर वाराणसी पहुंचा दिया. गाज़ीपुर किर रहने वाली नाजिया तबस्सुम जिसका डीएलएड बैक पेपर का परीक्षा केंद्र वाराणसी के वल्लभ विद्यापीठ बालिका इंटर कॉलेज में बुधवार को दोपहर में होना था. नाजिया ने मऊ से छपरा- वाराणसी सिटी एक्सप्रेस में अपना रिजर्वेशन करवाया था.
We reached #Varanasi on the time. Thank you so much for help🙏 @RailwaySeva #IndianRailways https://t.co/Qw3TIjO84F
— Anwar Jamal (@anwar_jamal_) February 3, 2021
जिस ट्रेन को मऊ में सुबह 6:15 में पहुंचना था वो 9:18 में मऊ पहुंची. जिससे नाजिया को अपनी परीक्षा छूट जाने का डर सताने लगा. नाजिया के भाई अनवर जमाल ने इसकी जानकारी ट्वीट के जरिए रेलवे को दी और बताया कि उसकी बहन की परीक्षा वाराणसी में दोपहर 12 बजे से है। ये जानकारी मिलते ही रेलवे हरकत में आई और कुछ इंतजाम का भरोसा देते हुए अनवर से उनका मोबाइल नंबर मांगा.
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मोबाइल नंबर मिलते ही रेलवे ने अनवर से संपर्क कर परीक्षा के बारे में जानकारी ली. इसके बाद रेलवे ने छपरा- वाराणसी सिटी एक्सप्रेस की स्पीड बढ़ा कर जो 2 घंटे 53 मिनट लेट चल रही थी वो 11 बजे वाराणसी पहुंच गई. अनवर ने फिर से भारतीय रेलवे को ट्वीट कर आभार जताया. इस बारे में पत्रकारों से बात करते हुए एनईआर के जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि भारतीय रेल नियमानुसार ही छात्रा की मदद की गई है. भारतीय रेल इसके लिए हमेशा से तत्पर रहा है. बताते चलें कि बलिया- फेफना रेलखंड पर प्रस्तावित स्पीड ट्रायल के कारण ब्लॉक लिया गया था. जिससे मॉनिटरिंग करते हुए रेल को समय पर पहुंचने की कोशिश की गई.
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