एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम ने शुरू किया काम अब वातावरण शुद्ध करने में आराम

Smart News Team, Last updated: Mon, 4th Jan 2021, 8:21 PM IST
काशी को सुंदर व प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की ओर से एक कदम और आगे बढ़ा दिया गया है. इस क्रम में काशी की आबोहवा को प्रदूषण मुक्त बनाए जाने के लिए एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम स्टेशनों ने अपना काम शुरू कर दिया है. इस सिस्टम स्टेशन के माध्यम से वातावरण में धूल के कणों को ही नहीं बल्कि वायु में जहरीली गैसों को भी आसानी से पता लगाया जा सकता है और इस पर लगाम लगाने के लिए पहले से ही कदम उठाए जाने में सहूलियत मिलेगी.
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वाराणसी . बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को प्रदूषण मुक्त और उसे सुंदर बनाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार निरंतर प्रयास कर रही है. इस क्रम में पूर्व के दिनों में वाराणसी महानगर पर क्षेत्र में निर्माणाधीन एंबिएंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन बनकर तैयार हो गए हैं. यह सिस्टम स्टेशन पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन के अलावा अन्य हानिकारक तत्व की पहचान करेंगे और उन तत्वों की रियल टाइम सूचना अभी उपलब्ध कराएंगे. शहर में इस तरह के 15 स्थानों पर एंबिएंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन बनाकर तैयार किए गए हैं. सभी स्टेशनों ने कार्य करना शुरू कर दिया है.

इस संबंध में नगर आयुक्त गौरांग राठी बताते हैं कि एंबिएंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन में 6 तरह के अत्याधुनिक सेंसर लगाए गए हैं. यह सेंसर शहर की बाजू में प्रदूषण के मानकों की रियल टाइम सूचना देंगे और डाटा कंट्रोल रूम को भेजेंगे. उन्होंने बताया कि वातावरण में हानिकारक गैसों की मात्रा अधिक होने पर सेंसर सूचना को कंट्रोल रूम को सूचित करता है. मॉनिटरिंग स्टेशन की सूचना के आधार पर जिला प्रशासन व नगर निगम समय की ओर से बचाव के आवश्यक कदम उठाए जाने में आसानी होगी. उन्होंने बताया कि सेंसर के माध्यम से ध्वनि प्रदूषण तापमान आर्द्रता और अल्ट्रावायलेट किरणों के साथ ही बारिश का भी पूर्व अनुमान लगाया जा सकता है.

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नगर आयुक्त गौरांग राठी बताते हैं कि नैनो तकनीक पर आधारित जर्मन डस्ट सेंसर महीन धूल के कणों की मात्रा का सही माफ करने में भी सक्षम है. नगर आयुक्त ने बताया कि इन स्टेशनों के कार्य करने से अब हर 10 मिनट में शहर की एयर क्वालिटी इंडेक्स की सूचना कंट्रोल रूम को प्राप्त होगी. अगर कोई डेटा मानक के अनुकूल नहीं होता है तो तुरंत अधिकारियों को इसकी सूचना भेजी जाएगी जिसके बाद नगर निगम के अधिकारी प्रदूषण पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे. उन्होंने बताया कि नगर के सबसे ज्यादा भीड़ भाड़ वाले और औद्योगिक स्थान पंचक्रोशी मार्ग, तरना, पड़ाव, कैंट स्टेशन, अर्दली बाजार, बौलिया, कंदवा, बीएचयू आदमपुर मंडुआडीह शास्त्री चौक और सारनाथ में यह स्टेशनों नेक कार्य करना शुरू कर दिया है.

 

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