वाराणसी: बुनकरों ने पीएम मोदी के कार्यालय के बाहर किया प्रदर्शन

Smart News Team, Last updated: Wed, 21st Oct 2020, 5:17 PM IST
  • बुधवार को हड़ताली बुनकर जवाहर नगर स्थित प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय कार्यालय पर पहुंच गए. गले में तख्ती लटकाकर बुनकरों ने मानव श्रृंखला बनाई और नारेबाजी शुरू कर दी. इसके बाद बुनकर संघ की तरफ से पीएम के कार्यालय में एक ज्ञापन दिया गया.
बनारस के बुनकर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जनसंपर्क कार्यालय पहुंच गए.

वाराणसी: बिजली की फ्लैट दरों की मांग को लेकर बुनकरों की हड़ताल जारी है. पहले की तरह फ्लैट दर पर बिजली की मांग कर रहे बनारस के बुनकर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जनसंपर्क कार्यालय पहुंच गए. यहां बुनकर गले में तख्ती लटकाकर पहुंचे और मानव श्रृंखला बनाकर विरोध जताया. बुनकर 15 अक्टूबर से हड़ताल पर हैं.

गौरतलब है कि पिछले दो महीने में बुनकरों की यह दूसरी हड़ताल है. पिछले महीने भी बुनकरों ने बिजली की फ्लैट दरों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की थी. हालांकि इस बीच सरकार की तरफ से मांगें पूरी करने का आश्वासन मिलने पर तीसरे ही दिन हड़ताल खत्म हो गई थी. सरकार की ओर से कहा गया था कि 15 दिन में इससे संबंधी दिशा निर्देश जारी हो जाएंगे. लेकिन डेढ़ महीने बीत जाने के बाद भी जब कुछ नहीं हुआ तो 15 अक्टूबर से बुनकर फिर हड़ताल पर चले गए.

वाराणसी: जहरीली शराब के व्यापारी को छुड़वाने के लिए थाने का घेराव, चक्का जाम

हड़ताल के सातवें दिन बुनकरों ने अपनी आवाज बनारस के सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचाने की तैयारी की. बुधवार को बुनकर जवाहर नगर स्थित प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय कार्यालय पर पहुंच गए. गले में तख्ती लटकाकर बुनकरों ने मानव श्रृंखला बनाई और नारेबाजी शुरू कर दी. बुनकर संघ की तरफ से पीएम के कार्यालय में एक ज्ञापन दिया गया. ज्ञापन के माध्यम से बताया गया कि बुनकरों की हालत यहां बेहद खराब है. हम लोगों की छोटी सी मांग है. सरकार को उसे पूरा करना चाहिए.

वाराणसी सर्राफा बाजार में सोने में उछाल, चांदी हुई धड़ाम, क्या है आज का मंडी भाव

बता दें कि बिजली के फ्लैट रेट को लेकर बुनकरों की हड़ताल का बड़ा असर बनारसी साड़ी पर पड़ा है. बनारसी साड़ियों के ऑर्डर कैंसिल होने शुरू हो गए हैं. आंकड़ों के मुताबिक 5 दिनों में ही तीन से चार सौ करोड़ रुपये का झटका बनारसी साड़ी उद्योग को लगा है.

 

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें