वाराणसी के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी निलंबित, भ्रष्टाचार का लगा आरोप

Smart News Team, Last updated: Fri, 2nd Jul 2021, 10:04 AM IST
  • वाराणसी के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी रमेश चंद्र को भ्रष्टाचार के मामले में शासन ने निलंबित कर दिया है. उनकी जगह गाजीपुर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी प्रभात कुमार को वाराणसी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.
भ्रष्टाचार के मामले में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी निलंबित (प्रतीकात्मक तस्वीर)

वाराणसी. भ्रष्टाचार के आरोप में वाराणसी के जिला अल्पसंख्यक अधिकारी रमेश चंद्र को शासन ने निलंबित कर दिया है. जिसके बाद उनके स्थान पर गाजीपुर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी प्रभात कुमार को बनारस का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. दरअसल भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मुख्य वक्फ निरीक्षक सुनील कुमार को 50 हजार की घूस लेते हुए पकड़ा था. सुनील कुमार घूस का पैसा लेने के लिए रमेश चंद्र की निजी गाड़ी में आए थे. इस कारण रमेश चंद्र को भी आरोपी मानकर कार्रवाई की गई है.

गौरतलब है कि फूलपुर इलाके में कठिरांव स्थित मदरसा इस्लामिया के प्रबंधक हैदर अली ने 26 नंबवर 2018 को भ्रष्टाचार निवारण संगठन में शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें उन्होंने बताया था कि उनके मदरसा के 12 कर्मचारियों के लिए लगभग दो साल की सैलरी के लिए शासन की ओर से एक करोड़ से अधिक धन जारी हो गया है. लेकिन विकास भवन स्थित अल्पसंख्यक विभाग के अधिकारी और कर्मचारी दो महीने से घूस की मांग कर रहे है.

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उन्होंने बताया कि पहले घूस के रूप में कुल धनराशि में 15 फीसदी की मांग की गई थी. लेकिन बाद में सभी 12 कर्मचारियों में प्रत्येक के हिस्से 50 हजार यानी कुल छह लाख रुपये देने की मांग की गई. जिसमें हैदर अली से 50 हजार रुपये विभाग के कर्मचारी सुनील कुमार को 28 नवंबर 2018 को देने के लिए कहा गया था. पैसे लेने के दौरान ही भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने सुनील को रंगे हाथ पकड़कर गिरफ्तार किया था.

सुनील कुमार घूस की रकम लेने के लिए जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी रमेश चंद्र की निजी गाड़ी से आए थे. जिस कारण भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने रमेश चंद्र को धारा 120-बी के तहत आरोपी माना था. जिसके बाद इस मामले की जांच की जा रही थी. मामले की कार्रवाई के दौरान शिक्षक संगठन ने एमएलसी सुरेश कुमार त्रिपाठी और ध्रुव कुमार त्रिपाठी से संपर्क किया था. इन दोनों ने मामले को विधान परिषद में उठाया था. जिसके बाद बुधवार को रमेश चंद्र को शासन से निलंबित कर दिया गया.

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