इन अवसरों पर आखिर आधा क्यों झुका दिया जाता है भारत का गौरव राष्ट्रीय ध्वज

Smart News Team, Last updated: Sun, 15th Aug 2021, 10:49 AM IST
  • आज यानी 15 अगस्त को देशभर में आजादी का जश्न मनाया जा रहा है. इस दिन की शुरुआत झंडा फहराने के साथ की जाती है. झंडे को भारत का गर्व और मान-सम्मान माना जाता है. हालांकि कई मौको पर इस झंडे को आधा क्यों झुकाया जाता है ये जानें…
75वां स्वतंत्रता दिवस

भारत के लोगों के लिए आजादी का दिन बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होता है.1947 में 15 अगस्त के दिन ही अंग्रेजों को भारत से खदेड़ने में हमारे वीर सपूत कामयाब हो पाए थे. हालांकि ये आजादी इतनी भी आसान नहीं थी. दो सौ सालों तक ब्रिटिशियन ने हमारे देश को गुलाम बना कर रखा था. ऐसे में आजादी पाने के लिए कई वीर सपूतों ने अपनी जान गंवाई थी. उनकी इस कुर्बानी को देश कभी नहीं भूला सकता है. देशभर में इस दिन को बहुत ही धूम-धाम से सेलिब्रेट किया जाता है. इस साल 75वां स्वतंत्रता दिवस भारत सेलिब्रेट कर रहा है. प्रधानमंत्री इस दिन लाल किले के प्रांगण में राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं.भारत के मान-सम्मान और गौरव के रूप में राष्ट्रीय ध्वज को देखा जाता है. राष्ट्रीय ध्वज के मान-सम्मान की तुलना देश से की जाती है. लेकिन बहुत से मौके ऐसे होते हैं जब झंडे को आधा झुकाया जाता है. आइए जानते हैं ये मौके कौन से होते हैं…

समस्त देश में राष्ट्रीय झंडे को राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के निधन पर आधा झुकाया जाता है.

दिल्ली और सभी राज्यों की राजधानियों में राष्ट्रीय ध्वज को लोकसभा अध्यक्ष, भारत के मुख्य न्यायाधीश, केंद्रके राज्यमंत्री और उपमंत्री, केंद्रीय केंबिनेट मंत्री के निधन पर आधा झुकाया जाता है.

मुख्यमंत्री, राज्यपाल, उपराज्यपाल और राज्य के केबेनिट मंत्री के निधन पर उस संबंधित राज्य की राजधानी में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया जाता है.

राजकीय शोक के दौरान सिर्फ प्रदेश में राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुकाते हैं.

पूरे देश में राष्ट्रीय ध्वज को राष्ट्रीय शोक में शोकावधि के दौरान आधा झुकाते हैं.

राष्ट्रीय ध्वज को राष्ट्रीय पर्व के दौरान नहीं झुकाते

 

 

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