वाराणसी : 72 वर्ष में रिटायरमेंट के बाद पूरी की बचपन की ख्वाहिश.
- सुरेंद्र नाथ त्रिपाठी ने बताया कि बचपन से ही उनकी ख्वाहिश एलएलबी करने की थी. बीएससी उत्तीर्ण करने के बाद 1971 में बनारस हिंदू यूनिवर्सटी में प्रवेश भी ले लिया.
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वाराणसी. किशोरावस्था से ही वकील बनने की ख्वाहिश रखने वाले सुरेंद्र प्रसाद त्रिपाठी जब अपने घर वालों की इच्छा के मुताबिक इंजीनियर तो बन गए पर वकील बनने की ललक को ना छोड़ पाए. नतीजतन पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम में सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर पद से रिटायर होने के बाद ही बचपन की ख्वाहिश को पूरा करने की ठान ली और 69 साल की उम्र में एलएलबी में दाखिला ले लिया. इस साल अक्टूबर में उन्होंने एलएलबी अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा दे दी है और बहुत जल्दी उनके नाम के आगे एडवोकेट लगाने की बचपन की ख्वाहिश भी पूरी हो जाएगी.
मूल रूप से मिर्जापुर के खानपुर में रहने वाले सुरेंद्र नाथ त्रिपाठी ने बताया कि बचपन से ही उनकी ख्वाहिश एलएलबी करने की थी. बीएससी उत्तीर्ण करने के बाद 1971 में बनारस हिंदू यूनिवर्सटी में प्रवेश भी ले लिया. इसके बाद घर के लोगों ने इससे मना करते हुए कहा कि कानून की पढ़ाई करने वालों का शादी ब्याह नहीं होता.
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इसके बाद उन्होंने बीएचयू की मेकैनिकल इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया और 1975 में बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने ओबरा के बिजली विभाग में असिस्टेन्ट इंजीनियर का पद संभाला. पत्नी का निधन 2015 में हो गया उसी की स्मृति में उन्होंने एलएलबी करने का फैसला लिया. वर्ष 2017 में राजनारायण विधि महाविद्यालय गंगापुर में दाखिला लिया और पढ़ाई दोबारा शुरू कर दी. उन्होंने कहा कि इस दौरान धीरे धीरे नए लड़कों से मित्रता हो गयी और पढ़ाई के दौरान क्लास अटेंड करने व परीक्षा में कोई दिक्कत सामने नहीं आयी.
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