काशी के आचार्यों ने अयोध्या में कराया राम जन्मभूमि का पूजन
- 500 सालों के लंबे संघर्ष के बाद भूमि पूजन के साक्षी बने काशी के आचार्य
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पांच सौ सालों के लंबे संघर्ष के बाद अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन का समय बुधवार को निर्धारित हुआ। इस पावन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के आचार्य भी इसके साक्षी बने। अयोध्या में हो रहे राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन में काशी के आचार्य की टीम ने भाग लिया।
काशी के आचार्यों द्वारा सोमवार से ही वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भूमि पूजन का कार्य शुरू हो गया था वहीं बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन के बाद चांदी का ईंट रखकर राम मंदिर निर्माण का शिलान्यास किया। अयोध्या में भूमि पूजन कराने का सौभाग्य काशी के आचार्यों को मिला।
आचार्य जयप्रकाश त्रिपाठी के नेतृत्व में काशी के ब्राह्मणों ने तीन दिनों तक वैदिक रीति से गणेश पूजा से लेकर भूमि पूजन तक कराया। अयोध्या में भूमि पूजन कराने की मुख्य जिम्मेदारी सांगवेद महाविद्यालय (रामघाट) के वरिष्ठ आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित 'घनपाठी' को करीब चार माह पहले ही सौंपी गई थी। अस्वस्थ होने के कारण उन्होंने यह जिम्मेदारी अपने वरिष्ठ शिष्य जयप्रकाश त्रिपाठी को सौंप दी।
जयप्रकाश ने बताया कि अयोध्या में भूमि पूजन का अनुष्ठान तीन दिनों तक चला। इसकी शुरूआत तीन अगस्त को गणेश पूजन से हुई। एक हजार लड्डू से करीब पांच घंटे तक गणेश पूजन हुआ। साथ ही बड़ी देव काली और छोटी देव काली मंदिर में भी पूजा-अर्चना हुई। इस क्रम में दूसरे दिन चार अगस्त को अयोध्या के आचार्यों ने करीब सात घंटे राम अर्चन किया। वहीं काशी के आचार्यों ने करीब तीन घंटे वास्तु पूजन किया।
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