मणिकर्णिका घाट पर नौ डिग्री झुके रत्नेश्वर महादेव मंदिर के पीछे क्या है रहस्य

Smart News Team, Last updated: Tue, 19th Jan 2021, 11:33 AM IST
  • वाराणसी का रत्नेश्वर महादेव मंदिर अपनी विशेषताओं को लेकर अक्सर चर्चा में बना रहता है. नौ डिग्री एक तरफ झुका यह मंदिर आठ-नौ महीने गंगा से स्वत: अभिषेक भी करता रहता है.
बनारस के मणिकर्णिका घाट पर स्थित रत्नेश्वर मंदिर क्यों झुका है नौ डिग्री कोण पर.

वाराणसी. बनारस के मणिकर्णिका घाट के पास रत्नेश्वर महादेव मंदिर अपनी विशेषता को लेकर अक्सर खबरों में रहता है. यह मंदिर साल में आठ से नौ महीन पूरी तरह गंगा में रहता है. इस मंदिर का इस गर्भगृह ही नहीं बल्कि शिखर तक गंगा से अभिषेक करता है. इसी के साथ इस मंदिर की यह भी विशेषता है कि वह पीसा की मीनार की तरह एक तरफ नौ डिग्री कोण की तरह झुका हुआ है. जानकारी के लिए बता दें कि पीसा की मीनार सिर्फ चार डिग्री कोण की तरफ झुकी है. 

इसके एक तरफ झुके होने को लेकर भी मान्यता है कि इंदौर की अहिल्या बाई की दासी रत्ना द्वारा मंदिर बनवाया गया लेकिन अहिल्या बाई ने अपने नाम से इसका नामकरण करवाया जिसके बाद दासी ने शाप दे दिया था. बता दें कि इस मंदिर को लेकर कई वैज्ञानिक और शोधकर्ता रिसर्च में लगे हैं. 

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पीएम मोदी के ट्वीट के बाद यह मंदिर फिर एक बार चर्चा में आ गया था. नागर शैली में बने इस मंदिर की स्थापना और बरसों से एक तरफ झुके होने को लेकर हर कोई रत्नेश्वर मंदिर की तरफ आकर्षित होता है. सदियों से एक जगह पर टीके इस मंदिर को लेकर कई कहानियां भी हैं. कुछ लोगों को मानना है कि इस मंदिर को 19वीं सदी में बनाया गया तो कुछ 15वीं सदी में इस मंदिर की स्थापना को मानते हैं. 

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